प्रोफेसर डा प्रीति डिमरी ने सावित्रि वर्मा पर आरटीआई कार्यकर्त्ता बन ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया।
देहरादून स्थित प्रेस क्लब में डॉ प्रीति डिमरी ने पत्रकारों से कहा कि मैं जीबी पतं इंजीनियरिंग कालेज घुडदौडी जिला पौडी गढवाल उत्तराखंड में वर्ष 2010 से एमसीए विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर निरंतर र्कायरत हूॅं, वर्ष 2010 से ही मुझे विभागाध्यक्ष का र्कायभार भी फरवरी 2017 तक सौंपा गया था ।इसके अलावा मैं ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर, गर्ल्स हॉस्टल-वार्डन सेक्रेटरी-वुमन हरस्मेंट सेल, डीन स्टूडेंट वेलफेयर आदि जैसे जिम्मेदार पदों पर अतिरिक्त प्रभार के दायित्वों का निर्वाहन करती आई हूॅं। मेरे सुपरविजन में कई विद्यार्थी द्वारा पीएचडी शोघकार्य किया जा रहा है।
20 सितम्बर 2016 को मेरे विद्यार्थी जितेंद्र सहगल निवासी हाथी बडकला, देहरादून की बहन सावित्रि वर्मा निवासी करनपुर , देहरादून ने मुझे धमकाने की नीयत से फोन किया तथा व्हाट्स एप के द्वारा धमकी दी ।इस मैसेज तथा फोन पर दी गई धमकी के बाद मुझे गहरा मानसिक आधात पहुॅचा । 21 सितम्बर 2016 को मेरे पति सुशील कुमार डिमरी ने इस धटना की जानकारी तथा शिकायत एसएसपी देहरादून, थानाध्यक्ष डालनवाला, डीजीपी उत्तराखंड, जिलाधिकारी, देहरादून, जिलाधिकारी पौडी तथा एसपी पौडी को दर्ज कराई । जीबी पतं इंजीनियरिंग कालेज के प्राचार्य को भी इस घटना से अवगत कराया। बाद में साविञि वर्मा ने जीबी पतं इंजीनियरिंग कालेज, उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय आदि में आरटीआई व पत्रों द्वारा मेरी सेवा पर अंगली उठाने का षडयंत्र रचा । कहीं से कामयाबी नहीं मिलने पर वह मीडिया को गुमराह कर एक नई साजिश रचकर मेरी छवी को धूमिल करने के साथ मेरे अध्यापन कार्य में बाधा डाल रही हैं । ताकि मै अपने मुख्य कार्य से भटक जाऊ । सावित्रि वर्मा के भाई जितेंद्र सहगल के खिलाफ तत्समय 2015-16 मे मेरे पास कई शिकायतें आ रही थी। शिकायतकर्ताओं मे उनके साथ के शोघार्थि भी थे । तत्पश्चात 02 अप्रैल 2016 को कालेज के विभागीय मीेटिंग में जितेंद्र सहगल को भविष्य मे इस तरह की हरकत ना करने की हिदायत दी ताकि छात्र का भविष्य ना खराब हो । उसके बाद जितेंद्र सहगल का गाइड बदल दिया गया था। इसके अलावा स्टूडेंट रिसर्च कमेटी की रिपोर्ट मे यह पाया गया कि जितेंद्र सहगल के लिये मेरे द्वारा संतोषजनक रिपोर्ट दी गई थी ,पत्रकार वार्ता करते हुए जीबी पतं इंजीनियरिंग कालेज प्रोफेसर डा प्रीति डिमरी ने सावित्रि वर्मा पर आरटीआई कार्यकर्त्ता बन ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया। और कहाकि इससे यह स्पष्ट होता है कि मैने उक्त शोधार्थी के उज्जवल भविष्य की कामना की । लेकिन शोधार्थी की बहन सावित्रि वर्मा 2016 से अब तक लगातार मेरे कार्य मे बार बार बाधा डालने का षडयत्रं रच रही है ताकि मुझे अध्यापन कार्य से भटकाया जा सके । आरटीआई कार्यकर्ता के नाम पर इस प्रकार के ब्लैकमेल करने वालों का चेहरा समाज के सामने बेनकाब होना चाहिये ताकि ये कही भी इस प्रकार का षड्यंत्र न रच पाये।
20 सितम्बर 2016 को मेरे विद्यार्थी जितेंद्र सहगल निवासी हाथी बडकला, देहरादून की बहन सावित्रि वर्मा निवासी करनपुर , देहरादून ने मुझे धमकाने की नीयत से फोन किया तथा व्हाट्स एप के द्वारा धमकी दी ।इस मैसेज तथा फोन पर दी गई धमकी के बाद मुझे गहरा मानसिक आधात पहुॅचा । 21 सितम्बर 2016 को मेरे पति सुशील कुमार डिमरी ने इस धटना की जानकारी तथा शिकायत एसएसपी देहरादून, थानाध्यक्ष डालनवाला, डीजीपी उत्तराखंड, जिलाधिकारी, देहरादून, जिलाधिकारी पौडी तथा एसपी पौडी को दर्ज कराई । जीबी पतं इंजीनियरिंग कालेज के प्राचार्य को भी इस घटना से अवगत कराया। बाद में साविञि वर्मा ने जीबी पतं इंजीनियरिंग कालेज, उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय आदि में आरटीआई व पत्रों द्वारा मेरी सेवा पर अंगली उठाने का षडयंत्र रचा । कहीं से कामयाबी नहीं मिलने पर वह मीडिया को गुमराह कर एक नई साजिश रचकर मेरी छवी को धूमिल करने के साथ मेरे अध्यापन कार्य में बाधा डाल रही हैं । ताकि मै अपने मुख्य कार्य से भटक जाऊ । सावित्रि वर्मा के भाई जितेंद्र सहगल के खिलाफ तत्समय 2015-16 मे मेरे पास कई शिकायतें आ रही थी। शिकायतकर्ताओं मे उनके साथ के शोघार्थि भी थे । तत्पश्चात 02 अप्रैल 2016 को कालेज के विभागीय मीेटिंग में जितेंद्र सहगल को भविष्य मे इस तरह की हरकत ना करने की हिदायत दी ताकि छात्र का भविष्य ना खराब हो । उसके बाद जितेंद्र सहगल का गाइड बदल दिया गया था। इसके अलावा स्टूडेंट रिसर्च कमेटी की रिपोर्ट मे यह पाया गया कि जितेंद्र सहगल के लिये मेरे द्वारा संतोषजनक रिपोर्ट दी गई थी ,पत्रकार वार्ता करते हुए जीबी पतं इंजीनियरिंग कालेज प्रोफेसर डा प्रीति डिमरी ने सावित्रि वर्मा पर आरटीआई कार्यकर्त्ता बन ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया। और कहाकि इससे यह स्पष्ट होता है कि मैने उक्त शोधार्थी के उज्जवल भविष्य की कामना की । लेकिन शोधार्थी की बहन सावित्रि वर्मा 2016 से अब तक लगातार मेरे कार्य मे बार बार बाधा डालने का षडयत्रं रच रही है ताकि मुझे अध्यापन कार्य से भटकाया जा सके । आरटीआई कार्यकर्ता के नाम पर इस प्रकार के ब्लैकमेल करने वालों का चेहरा समाज के सामने बेनकाब होना चाहिये ताकि ये कही भी इस प्रकार का षड्यंत्र न रच पाये।
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