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Showing posts from January 3, 2023

क्रिकेटर ऋषभ पंत के एक्सीडेंट पर विधायक और मुख्यमंत्री के अलग-अलग बयान देखिए वीडियो में

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 देहरादून – खानपुर विधायक उमेश जे कुमार ने क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार एक्सीडेंट के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि उन्होंने ऋषभ पंत से रात बात की थी।  विधायक का कहना है कि जब मैंने ऋषभ पंत से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि मैं जिस समय नारसन के करीब पहुंचा तो सड़क पर खड्डा था और मुझे समझ में नहीं आया और मेरी गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई लेकिन वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषभ पंत से मुलाकात करने के बाद  मीडिया को बातचीत में कहा था कि ऋषभ पंत की गाड़ी का एक्सीडेंट खड्डे की वजह से हुआ है। और उसके बाद उन्होंने अपना यह बयान बदलते हुए कहा कि खंडों की वजह से नहीं हूआ है। झपकी आने की वजह से उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ। अब सवाल यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग केंद्र सरकार का है और अगर उस पर कहीं खड्डे वगैरह होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी भी राष्ट्रीय मार्ग प्राधिकरण की ही होती है।  जबकि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़े और ठीक-ठाक हैं। साथ ही यह अब जांच का विषय भी है। पुलिस अपनी तहकीकात में इसे इस एक्सीडेंट को किस प्रकार से देखेगी तो वही इंश्योरेंस कंपनी भी इस एक्

जमीन खरीद-फरोख्त में धोखाधडी करने वाली पन्द्रह हजार रु की ईनामी महिला गिरफ्तार

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देहरादून – पीड़ित लोकेश मंमगाईं पुत्र आर0एल0 मंमगाई निवासी 27/24 करनपुर ने 26-फरवरी 22 को थाना डालनवाला में तहरीर दी कि विपक्षी सुनील कोटनाला और उसकी पत्नी बाला कोटनाला ने धोखे से पीड़ित को जमीन दिलाने के नाम पर अनुबन्ध पत्र बनाकर 34 लाख 80 हजार रुपये में सौदा तय किया तथा 21 लाख 40 हजार रुपये वादी से ले लिये और वादी को जो जमीन दिखायी गयी वह जमीन विपक्षी के नाम पर नही थी । इस तहरीर के आधार पर थाना प्रेमनगर में मु0अ0सं0 68/2022 धारा 420/120बी भादवि बनाम सुनील कोटनाला व बाला कोटनाला पंजीकृत किया गया । विवेचना के दौरान जब अभियुक्त के प्रेमनगर नहर वाली रोड पर स्थित घर पर पुलिस टीम ने दबिश दी तो ज्ञात हुआ कि अभियुक्त के विरूद्द मुकदमा पंजीकृत होने के पूर्व से ही घर से फरार हो गये थे। तथा इस पते का मकान भी अभियुक्तों द्वारा किसी अन्य को विक्रय कर दिया गया था । इसके पश्चात पुलिस टीम द्वारा लगातार अभियुक्तों की तलाश व गिरफ्तारी हेतु विभिन्न ठिकानों पर दबिश दी गयी किन्तु अभियुक्त के सम्बन्ध में कोई जानकारी नही मिल पा रही थी। इसके पश्चात अभियुक्तों की गिरफ्तारी को न्यायालय से अभियुक्तों का गिरफ्त