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Showing posts from March 1, 2018

योग न आस्तिकवादियों का है न नास्तिकवादियों का

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ऋषिकेश-अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के प्रथम दिन परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती  और  शंकराचार्य स्वामी दिव्यानन्द तीर्थ  ने पंचतत्व में विलीन जगद्गुरू  जयेंद्र सरस्वती  को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के प्रथम दिन दुनिया के विभिन्न धर्मां, राष्ट्रों, संस्कृतियों, जातियों और क्षेत्रों के यथा अर्जेंटीना, अफगानिस्तान, अफ्रीका, रूस, इजरायल, चीन, हांगकांग, सिंगापुर, ताईबान, फिलिस्तीन, ईरान, जापान, केन्या, इटली, अमेरिका, यमन और कई अन्य राष्ट्रों के योग साधक परमार्थ निकेतन में योगरूपी एकता के सूत्र में बंधनें हेतु एकत्र हुये है।29 वें वार्षिक विश्व विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, आयुष मंत्रालय- भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है।इस विश्व विख्यात कार्यक्रम की मेजबानी परमार्थ निकेतन द्वारा सन 1999 से निरन्तर की जा रही है। इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के 20 विभिन्न देशों के 90 से अधिक  संत एवं योगाचार्य सम्मिलित हो रहे हैं। इस बार अन्तर्राष्ट्रीय योग महापर्व में सम्मिलित होने के लिये सम्

जर्मन हिंदी अनुवाद विषय पर कार्यशाला का आयोजन

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देहरादून – स्विट्जरलैंड के 800 की आबादी की वाले छोटे से गांव लोरेन में जर्मन हिंदी अनुवाद विषय पर 5 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जर्मनी में रह रहे हिंदी भाषा के विद्वान एकत्रित हुए और उन्होंने जर्मन भाषा से हिंदी और हिंदी से जर्मन भाषा के अनुवाद को बेहतर बनाने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, जाने माने स्विस लेखक पीटर स्टाम ने कहा कि दुनिया की तमाम भाषाओं से अनुवाद अंग्रेजी भाषा में होता है। उसके बाद उन पुस्तकों का अनुवाद अन्य यूरोपीय भाषाओं में किया जाता है। उन्होंने दुनिया की दूसरी भाषाओं का सीधा अनुवाद जर्मन भाषा में किए जाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि अनुवादक को मुमकिन हो सके, तो लेखक के साथ सीधा संवाद स्थापित करना चाहिए। इससे अनुवाद के बाद भी लेख की आत्मा बची रहे, इसकी संभावना बनी रहती है। उन्होंने बताया कि उनकी पुस्तकों का 37 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। अनुवादकों से लगातार बातचीत करते रहने पर उन्हें आभास रहता है कि उनके विचारों को अनुवादक किस तरह अन्य भाषा में बुन रहा है। इस कार्यशाला में भाग लेने के लिए भारत में जर्मन

योग महोत्सव एवं होली की बधाई-विधानसभा अध्यक्ष

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ऋषिकेश-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने  गंगा रिजोर्ट, शीशमझाड़ी ऋषिकेश में अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारम्भ किया। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद, गढ़वाल मण्डल विकास विकास निगम एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महर्षि पतंजली को योग के जनक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने योगसूत्र ग्रंथ से योग को सम्पूर्ण विश्व में प्रचारित किया। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में योग पर विशेष बल दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से प्रतिवर्ष 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। आज भारत योग के माध्यम से विश्व को शांति का संदेश दे रहा है। भारत ने योग के माध्यम से स्वस्थ विश्व की परिकल्पना दी है। रोग मुक्त और स्वस्थ रहने के लिए योग सर्वोत्तम तरीका है। योग शांति, सुख और आध्यात्म की राह दिखाता है। हिंसा की प्रवृत्ति को छोड़कर अहिंसा के मार्ग की ओर ले जाने का कार्य योग विद्या ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर योग एवं संस्कृत की मांग तेजी  से बढ़ रही है। संस्कृत भाषा के रूप म