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Showing posts from March 29, 2018

देखिए वीडियो मुख्यमंत्री का बयान छात्रों के हड़ताल पर......

देहरादून मुख्यमंत्री ने आज MBBS के छात्रों के हड़ताल पर जाने पर अपना बयान दिया है और कहा है कि इस प्रदेश में इन्वेस्टर आ रहे हैं कृपया उन्हें तंग ना करें वह यहां पर अपने 500 से 600 करोड़ रुपए का इन्वेस्ट कर रहे हैं जब वह इतना पैसा इन्वेस्ट करेंगे तो जाहिर सी बात है कि फीस भी बढ़ेगी.

फेल हुई डबल इंजन की सरकार .........

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देहरादून- आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने फेल हुई डबल इंजन की सरकार नहीं चढ़ पा रहा इंजन पहाड़   व शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे युवा बेरोजगारों पर लाठीचार्ज की घटना के विरोध में नारेबाजी करते हुए स्थानीय एस्ले हॉल चौक पर त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार का पुतला दहन कर विरोध-प्रदर्शन किया।इस अवसर पर जिलाध्यक्षा उमा सिसौदिया ने विधायकों के वेतन-भत्तों में हुई भारीभरकम वृद्धि की कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर राज्य में विधायकों के वेतन-भत्तों में दोगुने से भी ज्यादा की वृद्धि दुर्भाग्यजनक है. उन्होंने कहा कि जहाँ एक तरफ राजकोष खाली पड़ा हुआ है, प्रदेश 57 हजार करोड़ रूपये के कर्ज में डूबा हुआ है, पिछले एक साल में त्रिवेन्द्र रावत सरकार 6 हजार करोड़ रूपये का कर्ज ले चुकी है, सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिये वेतन नहीं है, बजट के अभाव में विकास योजनायें आधी-अधूरी पड़ी हुई हैं, सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त दवाईयाँ और स्वास्थय सुविधायें नहीं हैं जिसके कारण मरीज असमय दम तोड़ रहे हैं, सरकारी स्कूल भवन व शिक्षकों के अभाव में बदतर स्थिति में हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा सरकार अ

मुख्यमंत्री ने माउण्ट एवरेस्ट पर्वतारोहण दल को रवाना....

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देहरादून-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने  पुलिस लाईन रेसकोर्स देहरादून में आईजी  संजय गुंज्याल के नेतृत्व में पुलिस विभाग के 15 सदस्यों के दल को माउण्ट एवरेस्ट पर्वतारोहण अभियान-2018 का फ्लैग आॅफ कर रवाना किया।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने माउण्ट एवरेस्ट के लिए रवाना होने वाले पुलिस दल को शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पुलिस का यह दल निश्चित रूप से एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि हिमालय साहित्यकारों, पर्यावरणविदों, भूगोलविदों एवं पर्वतारोहियों सबके लिए कोतुहल का विषय रहा है। उन्होंने कहा कि माउण्ट एवरेस्ट के पर्वतारोहण दल को धैर्य एवं हिम्मत के साथ सिर्फ एक लक्ष्य को लेकर आगे  बढ़ना होगा।  मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि एवरेस्ट पर्वतारोहण के दौरान दल को अनेक अनुभव प्राप्त होंगे, जो आने वाले समय में पर्वतारोहियों के लिए उपयोगी साबित होंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य करना मुश्किल नहीं  है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज एवं उत्तराखण्ड पुलिस के ध्वज के साथ दल को देहरादून से रवाना किया ।पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का ऐसा पहला राज्य ह

इनवेस्टर को रोका जाएगा तो प्रदेश का अहित -मुख्यमंत्री

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देहरादून-राज्य के निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में जहां झंड़ा 110-120 फुट ऊपर तक लहराया जा रहा है वहीं अब मेडिकल कॉलेज की फीस भी ऊंचाईयों तक पहुचने वाली है.सवाल ये उठता है कि  ईमानदारी से वेतन पाने वाले मध्यम वर्ग के परिवार के लोग अब अपने बच्चे को डॉक्टर बनाने का सपना भी नहीं देख सकते हैं। ईमानदारी की तनख्वाह से भला वो अपना घर चलाये या फिर बच्चे को डॉक्टरी की पढ़ाई करायें। देश के भीतर किसी भी राज्य में निजी मेडिकल कॉलेजों को फीस निर्धारित करने का अधिकार किसी भी राज्य सरकार ने नहीं दिया है। मगर हमारी उत्तराखंड सरकार ने ये अधिकार निजी मेडिकल कॉलेजों को देकर जहां गरीब अभिभावकों को बैकफूट पर लाकर खड़ा कर दिया है वहीं अब निजी मेडिकल कॉलेजों की पौ-बारह होने वाली है । भले ही निजी मेडिकल कॉलेजों कई बार अपनी फीस बढ़ाने की मांग को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग में फ़रियाद लगा चुके हैं लेकिन हर बार उनकी फ़रियाद को खारिज किया गया लेकिन इस बार उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के दर पर अपनी फ़रियाद पहुंचाई जहां से मंत्री ने भी आनन-फानन में इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रख दिया। जिस पर त्रिवेंद्र रावत के

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए प्राइवेट स्कूल

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देहरादून--उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री ने निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए एनसीईआरटी की किताबें लागू करने का आदेश देकर सराहनीय कार्य किया है। लेकिन इन स्कूलों के पूंजीपति मालिकों को यह पसंद नहीं आ रहा है आखिर किताबों के कमीशन से हर साल होने वाली लाखों-करोडों रुपए की कमाई को इतनी आसानी से कैसे छोड़ सकते हैं ये लोग इसलिए अब कोशिश की जाएगी शिक्षा मंत्री पर राजनीतिक दबाव बनाने की। यही समय है जब जनता को एकजुट होकर शिक्षा मंत्री का साथ देना होगा। अभी समान शिक्षा प्रणाली की ओर पहला कदम उठाया गया है। अगर इस वक्त हम शिक्षा मंत्री का साथ नहीं देंगे तो भविष्य में कोई भी शिक्षा मंत्री निजी स्कूलों की इस सामूहिक लूट के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस नहीं कर पाएगा। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में इन स्कूलों द्वारा विभिन्न प्रकार की अनावश्यक फीस जमा करवाकर अविभावकों की जेब काटने के मंसूबों पर भी लगाम लगाई जाएगी।अगर ये स्कूल अविभावकों से फीस लेकर हड़ताल पर जाते हैं तो सड़कों पर उतर कर इनका विरोध किया जाना चाहिए और  उच्च न्यायालय में भी जनहित याचिका दायर की जानी चाहिए। इस तरह के व्यापक जनहित से जुड़े म