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Showing posts from August 21, 2020

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 के अध्यापकों को मुख्यमंत्री ने दी बधाई

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देहरादून–मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के दो अध्यापकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 के लिये चयनित होने पर उन्हें बधाई दी है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वालों में प्रधानाचार्य जी.एच.एस.एस पुडकुनी, कपकोट (बागेश्वर) डा. केवलानन्द काण्डपाल तथा उप प्रधानाचार्य एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल जोगला, कालसी (देहरादून) सुश्री सुधा पैन्यूली शामिल हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हमारे इन अध्यापकों ने देश में प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने इस सम्मान को अन्य शिक्षकों के लिये भी प्रेरणादायी बताया है। उन्होंने कहा कि देश में एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूलों में सम्मानित होने वाली सुश्री सुधा पॅन्यूली पहली अध्यापिका हैं, यह भी प्रदेश के लिये गर्व की बात हैं।

एम्स में चार कोविड पॉजिटिव रोगियों की मौत

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ऋषिकेश– अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में पिछले 24 घंटे में विभिन्न गंभीर रोगों से ग्रसित 4 कोविड पॉजिटिव रोगियों की मौत हो गई। इसके अलावा 13 लोगों की कोविड सेंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिनमें 2 स्थानीय लोग भी शामिल हैं। संस्थान की ओर से इस बाबत स्टेट सर्विलांस ऑफिसर को सूचित कर दिया गया है।एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन ने बताया कि धीरवाली,ज्वालापुर हरिद्वार निवासी 60 वर्षीय पुरुष जो कि बीते बृहस्पतिवार को जिला अस्पताल हरिद्वार से रेफर होकर एम्स आया था। इस व्यक्ति को छाती में दर्द व सांस लेने में तकलीफ की शिकायत थी। इस मरीज की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कोविड वार्ड में रखा गया था। जहां बृहस्पतिवार देर शाम उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। दूसरा मामला भगवानपुर, रुड़की हरिद्वार निवासी 45 वर्षीय पुरुष जिसे 15 अगस्त को हरिद्वार जिला अस्पताल से एम्स इमरजेंसी में रेफर किया गया था। जिसे पिछले कुछ दिनों से बुखार व सांस लेने में तकलीफ की शिकायत थी। मरीज का कोविड सैंपल पॉजिटिव आने पर उसे कोविड वार्ड  रखा गया था। जहां उसकी बृहस्पतिवार की रात उपचार के दौरान मौत हो गई।तीसरा मामला

कोरोना काल में त्वचा की संभलकर करें देखभाल

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ऋषिकेश–कोविड-19 महामारी के दौर में खुद को संक्रमण से बचाने के सबसे प्रभावी तरीकों में लगातार साबुन- हाथ धोना और फेस मास्क का उपयोग करना प्रमुख है। जिसमें चिकित्सकों द्वारा लोगों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही 60 से 95 प्रतिशत अल्कोहल युक्त कीटाणुनाशक सेनेटाइजर से हाथों को कीटाणुरहित करना उचित बताया गया है। यह सभी सुरक्षात्मक उपाय कोरोना वायरस के इस विश्वव्यापी महामारी के दौर में एक आवश्यकता बन गए हैं। मगर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों की राय में इनका उपयोग एक सीमा तक करना ही उचित है, उनका कहना है कि सेनेटाइजर का ज्यादा उपयोग करने से त्वचा पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। स्किन से संबंधित इस बीमारी को एक्जिमा कहते हैं। सेनेटाइजर और डिटर्जेंट से लगातार हाथ धोने से त्वचा से प्राकृतिक तेल निकल जाता हैं। जिससे त्वचा में सूखेपन की समस्या पैदा हो जाती है। कभी-कभी इसकी दिक्कत बढ़ जाने से त्वचा में लालिमा आने, स्केलिंग और खुजली होने के लक्षण भी पैदा हो जाते हैं। इस रोग को एक्जिमा या त्वचा की सूजन भी कहा जाता है