जल संरक्षण और गांधी दर्शन पर हुआ चिंतन
ऋषिकेश– परमार्थ निकेतन में गांधीवादी दर्शन पर दो दिवसीय गंगा-गांधी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें साबरमती आश्रम के व्यवस्थापक जयेश भाई के नेतृत्व में साबरमती आश्रम से आये गांधीवादी कार्यकर्ता और छात्र, परमार्थ निकेतन के सदस्यों और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने सहभाग किया।स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में गांधीवादी कार्यकर्ताओं ने महामण्डलेश्वर स्वामी शुकदेवानन्द सरस्वती की तपस्थली पर ध्यान, सत्संग और भजन किया। साथ ही गांधीवादी दर्शन का आज के परिप्रेक्ष्य में प्रयोग पर चितंन किया गया। अमित यादव ने महामण्डलेश्वर स्वामी शुकदेवानन्द सरस्वती की तपस्थली वाले क्षेत्र की संरचना बहुत ही सुन्दर ढ़ंग से की है। वह क्षेत्र अत्यंत रमणीय और एक सुन्दर और हरे-भरे से गांव जैसा है। परमार्थ निकेतन के उस स्थान को देखकर सभी गांधीयन झूम उठे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि राम काज कीजे बिना मोहि कहां विश्राम। वास्तव में यही राम काज है, नियंता द्वारा बनायी गयी इस धर...