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Showing posts from August 17, 2019

320 ग्राम स्मैक के साथ शातिर गिरफ्तार

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 देहरादून—प्रेमनगर पुलिस को चैकिंग के दौरान धूलकोट सिघनीवाला तिराहा के पास एक व्यक्ति दिखायी दिया जिसे पुलिस ने रोकने का प्रयास किया परन्तु वह भागने लगा जिसे पुलिस टीम ने बल प्रयोग कर मौके पर पकड लिया। नाम और पता पूछने पर उसने अपना नाम व पता- इकलास खान उर्फ मामा पुत्र स्व0 बरखतुल्ला खान निवासी वार्ड न0-3 मोहल्ला नई बस्ती थाना सदर कैण्ट जिला बरेली उत्तर प्रदेश उम्र 40 वर्ष.बताया व अपने पास भारी मात्रा में नशीला पदार्थ स्मैक होना बताया जिस पर  पकडे व्यक्ति से भारी मात्रा में नशीला पदार्थ स्मैक  320 ग्राम अवैध बरामद हुई जिस सम्बन्ध में अभियक्त के विरुद्ध थाना प्रेमनगर पर अभियोग पंजीकृत किया गया। गिरफ्तार किये अभियुक्त से पूछताछ करने पर उसने बताया कि मैं मूल रूप से बरेली का ही रहने वाला हूँ तथा कपडे की फेरी लगाना व कडाई का काम भी कर लेता हूं। तथा मैं एक झगडे में एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर हत्या के जुर्म में मैं दोस्तो के साथ लुधियाना जेल में बन्द रहा था। फतेहगंज बरेली, मेरठ, सहानपुर, देहरादून व हरिद्वार के कुछ लोगों के साथ स्मैक बेचने का काम शुरू किया था। मुझसे पहले मेरे साथी अबरार व

दून में सबसे ज्यादा ई-वेस्ट मोबाइल फोन के रूप में पैदा हो रहा है

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देहरादून— इलेक्ट्रोनिक उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही वैश्विक स्तर पर ई-वेस्ट भी लगातार बढ़ता जा रहा है और अब यह खतरनाक स्तर पर  पहुंच   चुका  है। देहरादून में भी ई-वेस्ट लगातार बढ़ रहा है।  देहरादून  स्थित  एनवायर्नमेंटल एक्शन एंड एडवोकेसी ग्रुप  गति फाउंडेशन ने हाल ही में  देहरादून शहर मे  ई-वेस्ट की स्थिति पर एक सर्वे करवाया। फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बताया कि सर्वे में विभिन्न आयु वर्ग के स्त्री-पुरुषों को शामिल किया गया। सर्वे में 18-25 आयु वर्ग के 53 प्रतिशत, 26-40 आयु वर्ग के 31 प्रतिशत और 40-70 आयु वर्ग के 16 प्रतिशत लोगों  ने भाग लिया  । सर्वे में शामिल किये गये लोगों में 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं थी।  77 प्रतिशत उत्तरदाताओं को देश के इ - वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के बारे मे कोई जानकारी नहीं है  ।  पिछले कुछ समय से उत्पादकों और ब्रांड्स की जिम्मेदारी वेस्ट के निस्तारण के लिए बड़ाई गयी है किन्तु 69 उत्तरदाताओं ने   एक्सटेंडेड  प्रोडूसर   के बारे मे कुछ नहीं सुना है  । 60 प्रतिशत लोगों को कंपनियों   रिस्पांसिबिलिटी  की  बाईबैक  योजना की जानकारी नहीं