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Showing posts from July 25, 2017

जापानी तकनीक से होगा भू-स्खलन का उपचार

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देहरादून-वन मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत द्वारा जापान से आये दल के साथ जायका परियोजना पर विचार-विमर्श किया गया, तथा उनके द्वारा उत्तराखण्ड में भू-स्खलन  के उपचार के लिए उपयोग होने वाली नवीनतम जापानी तकनीकों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि कुछ दशकों में जापान द्वारा सभी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से होनेवाले नुकसान के समाधान के क्षेत्र में की गयी प्रगति एवं अधिकतम तकनीकी विकास के सम्बन्ध विश्व परिचित हुआ है। जिसे देखते हुए भारत एवं उत्तराखण्ड तथा सभी हिमालयी राज्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रबन्धन में अन्य तकनीकों से परिचित होने के लिए जापान से बहुत कुछ सीख सकते हैं।    डाॅ रावत ने कहा कि जापान, भारत सरकार एवं उत्तराखण्ड सरकार के मध्य माह अगस्त, 2016 में एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे, जिसके अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य में भू-स्खलन क्षेत्रों के उपचार के लिए नयी जापानी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना सुनिश्चित हुआ। इस परियोजना को वन क्षेत्र में भूस्खलन के प्रबंधन के लिए जेआईसीए तकनीकी सहयोग परियोजना कहा गया है। यह परियोजना पूर्णतया ग्रांट के रूप में है, तथा इस परियोजना पर होने वाला तकनीकि सहय

विलुप्त प्रजाति की मछली का शिकार कर उसे कंधे पर लाद कर ले जाते ग्रामीणों

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अल्‍मोड़ा:  मछली का शिकार कर उसे कंधे पर लाद ले जा रहे ग्रामीणों का फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने से सल्ट ब्लॉक की इनलो गांव मुसीबत में फंस गया है। गूंज मछली शेड्यूल-वन की विशालकाय लुप्त प्राय मछली है। करीब 150 किलो वजनी यह मछली उत्तरी हिमालय के उत्तराखंड व नेपाल की पर्वतीय नदियों में पाई जाती है। सूत्रों के अनुसार रामगंगा नदी में पाई जाने वाली पहाड़ी व्हेल का हर बरसात में शिकार किया जाता है। इधर, फोटो वायरल होने के बाद इस सबसे बेखबर वन विभाग अब हरकत में आया है। डीएफओ एसआर प्रजापति ने विभागीय टीम मौके की ओर रवाना कर दी है। पता लगा है कि लुप्तप्राय गूंज मछली का शिकार कर ग्रामीण हर बार की तरह इस दफा भी बांट कर खा चुके हैं। ऐसे में पूरे गांव पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।   करीब छह फुट लंबी व डेढ सौ किलो तक वजन वाली पहाड़ी व्हेल पंचेश्वर स्थित काली नदी, शारदा व रामगंगा क्षेत्र में पाई जाती है, जो पीछा कर शिकार करती है। मांसाहारी होने के कारण इसे व्हेल की तरह शिकारी मछली भी कहा जाता है। बताते चले कि सोमवार को पूरे क्षेत्र में यह मछली आकर्षण का केंद्र बनी रही। जानकारों ने बताया कि राम