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Showing posts from November 29, 2017

केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री से मिले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत

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नई दिल्ली-केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने उत्तराखण्ड में विद्युत उपयोग एवं आपूर्ति के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों को सराहा। केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  आर.के.सिंह के साथ मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड की ऊर्जा परियोजनाओं की समीक्षा की।मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा  की गई पहलों में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता बढाने के लिए विद्युत विभाग के अधिकारियों के प्रदर्शन की, उनकी चरित्र पंजिका में प्रविष्टि की जा रही है। एल.ई.डी. बल्बों का सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में उपयोग किया जा रहा है, जबकि एलईडी बल्बों का वितरण स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है। विद्युत आपूर्ति, उपयोग एवं गुणवत्ता बढाने आदि के संबंध में की गई इन तीन पहलों को केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)आर.के.सिंह ने सराहा है, तथा इसे बेस्ट प्रेक्टिसेज के रूप में माना। उन्होंने राज्य के इन प्रयासों को अन्य राज्यों को भी अपनाने को कहा। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस संबंध में सभी राज्यों को पत्र लिखा जायेगा।

E-WAY बिल से सर्राफा कारोबारियों को मुक्त करने हेतु वित्तमंत्री को ज्ञापन

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देहरादून-E-WAY बिल को लेकर सरकार की मंशा को समझते हुए  संयुक्त रूप से ज्वैलर्स एसोसिएशन ऑफ उत्तरांचल एवं सर्राफा मंडल देहरादून के प्रतिनिधियो ने E-WAY बिल का पूर्ण रूप से विरोध दर्ज करते हुए ज्वेलर्स को E-Way बिल से बाहर रखने हेतु पुख्ता साक्ष्यों सहित कमिशनर ऑफ कमर्शियल टैक्सेज उत्तराखंड सरकार एवं  प्रकाश पंत वित्त मंत्री उत्तराखंड सरकार को एक मेमोरेंडम देकर अवगत कराया कि-  सर्राफा कारोबार बहुत  ही संवेदनशील कारोबार है जिसमे कीमती धातु से जेवर तैयार करने के लिए कम से कम 6 से 7 हाथों से होकर गुजरना पड़ता है तब जाकर गहना तैयार होता है। साथ ही इसी प्रक्रिया से जुड़े कारीगरो के लिए E-WAY बिल जैसी जटिल प्रक्रियाको समझ पाना चुनोतिपूर्ण रहेगा।  सोना एक कीमती धातु होते हुए संवेदनशील भी है इस लिहाज से देखा जाए तो आभूषणों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने हेतु गाड़ी नंबर इत्यादि की जानकारी देना एवं साझा करना भी सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नही है। वैसे भी आये दिन घटनायें थम नही रही। वित्त आयुक्त एवं वित्तमंत्री उत्तराखंड सरकार को अवगत कराया गया कि पहले भी VAT के समय ज्वेलेरी सेक्टर को इस प्रकार के बि