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Showing posts from April 15, 2018

भारत की परम्परा कबीर, रैदास, दादू, पलटू की परम्परा

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देहरादून- नौजवान भारत सभा और राहुल फाउंडेशन द्वारा राहुल सांकृत्यायन के स्मृति दिवस 14 अप्रैल के अवसर पर 'जन-मनीषी महाविद्रोही राहुल सांकृत्यायन की विरासत और आज के समय की चुनौतियाँ' विषय पर विचार-गोष्ठी आयोजित की गई,गोष्ठी का संचालन करते हुए कार्यक्रम की संयोजिका कविता कृष्णपल्लवी ने कहा कि, आज के फासीवादी दौर में राहुल सांकृत्यायन को याद करने का अर्थ भारतीय भौतिकवादी परम्परा से आम जन को परिचित कराना है,राहुल का कृतित्व व व्यक्तित्व विराट है,राहुल ने अपने समय के किसानों -मजदूरों के आंदोलनों में शिरकत करने के साथ ही जनता की दिमागी गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए लगातार धार्मिक पाखंडो, रूढ़ियों के ख़िलाफ़ लिखा उनकी जीवन यात्रा उनके विचार की विकास यात्रा भी है| एक मठ के महंत से अपने जीवन की शुरुआत कर आर्यसमाजी से बौद्ध धर्म के अनुयायी होते हुए वैज्ञानिक समाजवाद की विचारधारा तक की यात्रा वही कर सकता है जो तार्किक और वैज्ञानिक हो, नौजवान भारत सभा के अपूर्व ने कहा कि, आज जिस तरह धार्मिक फासीवादी संगठन धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल करके जनता के बीच साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण को बढावा दे

यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के लिये धर्म आधारित दृष्टिकोण पर चर्चा

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ऋषिकेश- परमार्थ निकेतन, संगठन (जीवा) की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती  को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष द्वारा मानव अधिकार के परिपेक्ष्य में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के लिये धर्म आधारित दृष्टिकोण पर आधारित कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम में ट्यूनीशिया, कोस्टारिका, केन्या, मोजाम्बिक, बोत्सवाना, अंगेला, जाम्बिया, स्वीडन, वियतनाम, सियरा लियोन, बांग्लादेश, थाईलैण्ड, उरग्वे, चिली आदि देशों के प्रतिनिधि, धर्म आधारित समुदायों के प्रतिनिधि एवं अन्तर्राष्ट्रीय योजनाबद्ध पितृत्व महासंघ आई पी पी  एफ के प्रतिनिधियों ने सहभाग किया।इस दो दिवसीय कार्यक्रम में यान्त्रिक उपागम के इतर मानव अधिकारों के परिपेक्ष्य से सेक्सुअल एवं प्रजननपूर्ण स्वास्थ्य के लिये धर्म आधारित उपाय पर विशद चर्चा सम्पन्न हुई।जनसंख्या और विकास पर संयुक्त राष्ट्र संघ के 51 वें सत्र में अतिरिक्त कार्यक्रम सतत रूप से सुरक्षित नगरों, मानव गतिशीलता एवं अतंर्राष्ट्रीय प्रवासन पर भी चर्चा की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सेक्सुअल एवं प्रजननपूर्ण स्वास्थ्य के अधिकारों से युक्त प्रावधानों वाले एजेण्डा को बल प्र

दो मई को खुलेगे तुंगनाथ मंदिर के कपाट

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रुद्रप्रयाग-  श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग गौरीकुंड स्थित गौरा माई मंदिर के कपाट आज  बैशाखी 14 अप्रैल प्रात: 8 बजे यात्राकाल के लिए खुल गये ।श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के  मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कार्यक्रमानुसार  गोरामाई की उत्सव डोली आज ब्रह्ममुहुर्त में शीतकालीन प्रवास गौरीगांव से समारोह पूर्वक गौरामाई मंदिर पहुंची,विधि- विधान, पूजा अर्चना के पश्चात आज प्रात: 8 बजे  गौरामाई मंदिर के कपाट खोल दिये गये। इस अवसर पर मंदिर समिति के प्रबंधक कैेलाश बगवाड़ी ,  प्रधान राकेश गोस्वामी,सहित  कर्मचारी, स्थानीय हक हकूक धारी, श्रद्धालु मौजूद रहे। 21 मई दिन में 11.30 बजे खुलेंगे भगवान मध्यमहेश्वर जी के कपाट। 2 मई दिन में 10.30 बजे खुलेंगे श्री तुंगनाथ भगवान के कपाट। उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में आयोजित समारोह में मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट खुलने की तिथि का निर्धारण हुआ जबकि मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तुंगनाथ जी के कपाट खुलने की  तिथि घोषित हुई। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल एवं मुख्य कार्याधिकारी बी.डी.सिंह ने पंचकेदारों में शुमार दोनों मंदि

श्री नृसिंह आरती का गंगा आरती की तर्ज पर

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जोशीमठ(चमोली):  जीर्णोद्धार के पश्चात नृसिंह मंदिर जोशीमठ, नये कलेवर में बनकर तैयार है, 18 अप्रैल को मंदिर का लोकार्पण  होना है,श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा मंदिर को भब्य रुप से सजाया जा रहा है।भब्य रूप से सजाया जा गया मंदिर, नव निर्मित पूजा काउंटर,मंदिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी, वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के छात्र मंदिर परिसर में तैयारिया करते हुये।दूसरी ओर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यधिकारी बी.डी. सिंह ने  बदरीनाथ पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया, जोशीमठ पहुंच कर श्री नृसिंह मंदिर में चल रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वेदवेदांग संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों द्वारा 19 अप्रैल से प्रतिदिन  गंगा  आरती की तर्ज पर नृसिंह आरती का नृसिंह मंदिर जोशीमठ मेंआयोजन किया जायेगा। इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिये। संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों द्वारा स्वास्तिवाचन ,सांस्कृतिक कार्यक्रमों का पूर्वाभ्यास  किया गया ।इस अवसर पर उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, मंदिर अधिकारी मोहन सती, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल,    वेदपाठी,  वेदवेदांग महाविद्