कर्मचारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगते
देहरादून-उत्तराखंड के सरकारी विभागों में आम जनमानस अपनी समस्याओं को लेकर उलझा रहता है लेकिन कर्मचारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगते इसी का जीता जागता उदाहरण है एक रिटायर्ड पटवारी को अपने ग्रेजुटी की रकम नहीं मिल पा रही थी तब उन्होंने मुख्यमंत्री है एप अपनी शिकायत दर्ज की उसके कुछ दिनों बाद ही उनको उनका भुगतान कर दिया गया अब क्या हर नागरिक को अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री एप का ही सहारा लेना पड़ेगा यह सोचनीय विषय है सरकार के लिए कि जिन सरकारी कर्मचारी इतनी मोटी मोटी तनख्वाह देते हैं लेकिन वही कर्मचारी कार्य करने में वह नकारे साबित हो रहे हैं,कुछ दिन पूर्व उत्तराखंड सीएम एप पर पुष्कर सिंह निवासी देहरादून द्वारा शिकायत दर्ज की गई कि वे 31 जनवरी 2018 को तहसील कोटद्वार से पटवारी के पद से सेवानिवृत हुए लेकिन सेवानिवृति के लगभग 11 माह बाद भी उनकी ग्रेजुटी, एरियर आदि का भुगतान नहीं हो पाया। जिस पर उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ रहा था।पुष्कर सिंह बताते है कि वह कार्यालयों के चक्कर काट- काट कर थक चुके थे, फिर उन्हें किसी के द्वारा सलाह दी गयी कि वे अपनी...