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Showing posts from September 7, 2018

डी एम ने किया बालिका गृह की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण

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देहरादून– जिलाधिकारी व अध्यक्ष जिला निरीक्षण समिति एस ए मुरुगेशन के नेतृत्व में राजपुर रोड स्थित राइज हिमालय बालिका चिल्ड्रन होम राजपुर रोड, किशनपुर स्थित दून सारथी द सखी सोसाइटी बालिका गृह, आजादनगर स्थित आसरा शेल्टर होम तथा शक्ति विहार माजरा स्थित इंडियन वूमेन वेल्फेयर सोसाइटी बालिका गृह का संबंधित सदस्यों के साथ स्थलीय निरीक्षण करते हुए सभी व्यवस्थाओं को जांचा-परखा गया।जिलाधिकारी ने राइज हिमालय सदन में बच्चों की सुरक्षा हेतु स्थल की दीवार तथा छत पर फेसिंग ऊंचा करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने सभी बालिका/ बालक के आश्रय स्थलों में सुरक्षा व्यवस्था, शौचालय, किचन, आहार तालिका, विश्राम कक्ष के साथ-साथ बच्चों के मनोरंजन व पढ़ाई की व्यवस्था को भी जांचा। उन्होंने संबंधित संचालकों तथा जिला निरीक्षण समिति के सदस्यों को बालिका/बालक के गृह में पर्याप्त स्वच्छता-सफाई, शुद्ध पेयजल आपूर्ति, पौष्टिक आहार की उपलब्धता व सुरक्षा व्यवस्था व आवश्यकतानुसार सीसीटीवी कैमरा द्वारा  निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों को पढ़ाई करते हुए अच्छा नागरिक बनने का स

केदार घाटी मैं अब होगी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा पढ़ाई

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केदारनाथ– आधुनिक दुनिया में  जहां पूरे विश्व में तकनीक पर ज्यादा ध्यान देते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में भी इस तकनीक का इस्तेमाल भारत  भी कर रहा है, विभिन्न परिस्थितियों में भी  डॉक्टर विदेश में बैठे डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा  मरीज के  रोग के बारे में जानकारी लेते हैं , तो वहीं  उत्तराखंड में भी  इस तकनीक का  इस्तेमाल  दूरस्थ  शिक्षण संस्थाओं में  लिया जा रहा है , इंटरनेट तकनीकी ऐसी तकनीकी है जिसमें दो या उससे अधिक कम्प्यूटर को निजी इंटरनेट प्रोटोकोल तकनीकी का उपयोग कर आपस में जोड़ दिया जाता है। इस तकनीकी से सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सकता है। इस तकनीकी का प्रयोग कर कोई बड़ी संस्था अपनी सूचनाओं को कर्मचरियों ता सुरक्षित रूप में भेज पाती है। इंटरनेट विभिन्न संस्थाओं के बीच कम्प्यूटर नेटवर्क है जबकि इंटरनेट किसी संगठन के अन्दर का कम्प्युटर नेटवर्क है। इस तकनीकी से कुछ कुछ दूरी पर स्थित अलग अलग सस्थानों या स्कूलों को भी जोड़ा जा सकता है और सूचनाओं का आदान प्रदान सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। इस तकनीकी के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तराखंड के दुरुस्ती  क्षेत्र

उत्तराखंड में ट्रैकिंग प्रतिबंध से लोगों की आजीविका खतरे में

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  देहरादून– आली- बेदिनी- बागजी बुगयाल संकर्षण समिति द्वारा उत्तराखंड राज्य एवं अन्य के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर माननीय उत्तराखंड हाईकोर्ट के हालिया फैसले के प्रकाश में एटीओएआई पर्यावरणीय गाइडलाइंस पर बहस का स्वागत करता है, उम्मीद है कि फैसले के नतीजे के      तौर पर वह जारी हो जाएंगी।   एटीओएआई फैसले का संज्ञान लेता है ;   हालांकि उम्मीद है कि व्यापक मुकदमेबाजी राज्य ,   सभी हितधारकों और संगठनों के बिना को इस तरह के मामले में पक्ष बनाए बिना ही इस तरह की दलीलें उदारवादी फैसले का कारण बन रही हैं। नतीजतन, इन पीआईएल और उन पर आए फैसलों की वजह से न केवल उत्तराखंड के लोगों का सामाजिक-आर्थिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है बल्कि उत्तराखंड राज्य के पर्यटन की प्रतिष्ठा भी प्रभावित होती है। इसके अलावा इस तरह के फैसलों के पीछे प्रभाव ,   लाभ या क्षति निर्धारित करने के लिए डेटा ,   वैज्ञानिक अनुसंधान ,   या स्थापित अध्ययनों पर भी नहीं दिया जाता है ;   जो एक निर्णायक फैसले तक पहुंचने से पहले एक नपी-तुली बहस का कारण बन सकता है,                       उत्तराखंड में उपरोक्त ट

बाहरी प्रकाशकों की पुस्तकें के विरोध में शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन

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देहरादून—आम आदमी पार्टी देहरादून के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा निजी स्कूलों में छात्रों से शासकीय नियम विरूद्ध पाठ्य पुस्तकें मँगाने के विरोध में अभिभावकों के साथ मिलकर ननूरखेड़ा शिक्षा निदेशालय में प्रदर्शन कर शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा गया। उप शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा उत्तराखंड नागेन्द्र बर्तवाल को ज्ञापन प्रस्तुत करते हुये देहरादून महानगर अध्यक्ष अशोक सेमवाल व धर्मेन्द्र ठाकुर ने बताया कि देहरादून में स्कॉलर्स होम सीनियर सेकेंडरी स्कूल व कई अन्य निजी स्कूलों द्वारा शासकीय आदेशों को ठेंगा दिखाते हुये छात्रों व अभिभावकों से एनसीईआरटी के अलावा अन्य बाहरी प्रकाशकों की पाठ्य पुस्तकें मँगवाई जा रही हैं, जबकि राज्य सरकार द्वारा स्पषटत: एनसीईआरटी की पुस्तकों की ही अनुमति दी गयी है। उन्होंने कहा कि स्कॉलर्स होम सीनियर सेकेंडरी स्कूल व अन्य कुछ निजी स्कूलों की इस मनमानीपूर्ण रवैये के कारण अभिभावकों पर अतिरिक्त  आर्थिक भार पड़ रहा है। बुक शॉप वाले अभिभावकों से स्कूलों द्वारा बताई गयी पुस्तकों की मनमानी कीमत वसूल कर रहे हैं। एक सेट की कीमत आठ हजार रूपये तक ली जा रही है और खरीद का बिल