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Showing posts from March 6, 2019

विश्व बैंक के ऋण से होगा, पुनर्जीवन आपदा प्रभावित क्षेत्र

नई दिल्ली — विश्व बैंक और भारत सरकार,उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2013 में आई बाढ़ के बाद से ही निरंतर जारी उत्तराखंड की आपदा उपरांत पुनरुद्धार योजनाओं के लिए इस राज्य को अतिरिक्त धनराशि मुहैया कराने हेतु आज नई दिल्ली में 96 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य उत्तराखंड की आपदा जोखिम प्रबंधन क्षमता को सुदृढ़ करना भी है। विश्व बैंक उत्तराखंड आपदा पुनरुद्धार परियोजना के जरिए राज्य सरकार को वर्ष 2014 से ही आवश्यक सहायता प्रदान करता रहा है, ताकि आवास के साथ-साथ ग्रामीण कनेक्टिविटी बहाल की जा सके और इसके साथ विभिन्न समुदायों की सुदृढ़ क्षमता का निर्माण किया जा सके। अब तक इस परियोजना के तहत 2000 से भी अधिक स्थायी घरों एवं 23 सार्वजनिक भवनों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है और इसके साथ ही 1300 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी सड़कों व 16 पुलों को अपनी पहली वाली स्थिति में लाया जा चुका है। 96 मिलियन डॉलर के अतिरिक्त वित्त पोषण से पुलों, सड़कों और नदी तट संरक्षण कार्यों का पुनर्निर्माण करने में मदद मिलेगी। इस वित्त पोषण से राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) के लिए प्

युवा उत्तराखण्ड में युवाओं को मिले अपने सवालों के जवाब

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देहरादून—परेड़ ग्राउण्ड में “युवा उत्तराखण्ड-उद्यमिता एवं स्वरोजगार की ओर” कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में प्रदेश भर से विभिन्न क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं ने भागीदारी की। 52 डिग्री काॅलेजों व विश्वविद्यालयों के छात्र भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। पूरे प्रदेश से आए युवाओं ने बड़े उत्साह के साथ राज्य एवं देश में उपलब्ध स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसरों से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम में लाॅटरी के माध्यम से युवाओं ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से वन टू वन प्रश्न पूछे जिनका मुख्यमंत्री ने विस्तार से जवाब दिया ।  दून की प्रियंका बिष्ट  ने पूछा कि उत्तराखण्ड आर्गेनिक स्टेट कब बनेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड का पर्वतीय क्षेत्र वैसे तो डिफाल्ट ही आर्गेनिक है। परंतु सरकार ने अपने स्तर से बड़ी कोशिश की है। 10 हजार आर्गेनिक क्लस्टर चिन्हित किए जा रहे हैं। 27 ब्लाॅक को आर्गेनिक घोषित किया गया है। हम उत्पादों के सर्टिफिकेशन की व्यवस्था भी कर रहे हैं।  अल्मोड़ा से ईशा जोशी  ने पूछा कि राज्य सरकार ने जीरो टाॅलरेंस की पाॅलिसी अपना