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Showing posts from December 16, 2017

युवाओं को रोजगार के लिए विवि व उद्योगों में सम्पर्क जरूरी-राज्यपाल

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देहरादून-राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल ने कहा है कि विश्वविद्यालयों को युवाओं के कौशल विकास, प्रतिस्पर्धात्मक उत्कृष्टता व मूल्यपरक शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उच्च स्तरीय शोध को प्रोत्साहित किया जाए। राज्यपाल, डीआईटी विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने छात्र-छात्राओं को उपाधियां वितरित कीं। राज्यपाल ने छात्रों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि युवा रोजगार देने वाले बनें। इसके लिए युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान देना होगा। भारत सरकार ने स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रम प्रारम्भ किए हैं। विश्वविद्यालयों को भी इसमें अपनी भूमिका निभाने के लिए आगे आना होगा। राज्यपाल ने कहा कि नास्कोम के अनुसार शिक्षित युवाओं  का एक बड़ा भाग, अभी भी रोजगार की दृष्टि से दक्ष नही है। इसे देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के कौशल विकास पर विशेष रूप से फोकस किया है। इसमें उद्योग जगत व विश्वविद्यालयों को बड़ी जिम्मेवारी निभानी होगी। शिक्षण संस्थाओं व उद्योगों में आपसी सम्पर्क अधिक से अधिक बढ़े।राज्यपाल ने कहा कि प्रतिस्पर्

छिद्दरवाला को मिला अपना बस स्टैंड

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ऋषिकेश -उत्तराखण्ड विधान सभा अध्यक्ष  प्रेम चन्द अग्रवाल ने आज ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम योजना के अन्तर्गत  छिद्दरवाला, ऋषिकेश में बस स्टाप का  विधिवत रूप से नारियल तोड़ कर उद्घाटन किया। बस स्टाप ग्राम प्रधान  छिद्दरवाला के सौजन्य से निर्मित किया गया है। इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष ने  छिद्दरवाला क्षेत्र के सभी लोगों को बधाई देते हुए कहा कि बस स्टाप के बन जाने से इस क्षेत्र के लोगों की आवागमन की समस्या समाप्त हो जायेगी। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश विधान सभा क्षेत्र में सभी जगह विकास कार्य चल रहें है जैसें  सड़क, पानी एवं बिजली की समस्याओं का चैक चैबन्ध इन्तजाम किया जा रहा है। देवेन्द्र सिंह नेगी, ग्राम प्रधान  छिद्दरवाला पुनम पोखरियाल, विमला नैथानी पूर्व जिला पंचायत सदस्य, गजेन्द्र विक्रम मण्डल महामंत्री भाजपा, अनिता राण पूर्व जिला पंचायत सदस्य,डा0 कृृपाल सिंह रावत,  पवन क्षेत्रीय प्रबन्धक परिवहन निगम, हरदीप सैनी, भूपेन्द्र रावत, संदीप चैहान, भाष्कर जोशी, रोडवेज के सहायक महाप्रबन्धक एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

राज्यपाल ने स्व० पंडित चक्रधर जोशी पर डाक आवरण पत्र का अनावरण किया

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देहरादूनः-राजभवन में आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में राज्यपाल डॉ0 कृष्ण कांत पाल ने स्व० पंडित चक्रधर जोशी पर डाक आवरण पत्र का अनावरण किया। पं० चक्रधर जोशी ने 1946 में देवप्रयाग में नक्षत्र वैधशाला की स्थापना की थी। राज्यपाल ने डाक विभाग को बधाई देते हुए कहा कि पं०चक्रधर जोशी, ज्योतिष के बड़े विद्वान थे। उन पर डाक आवरण जारी होने से लोग उनके व्यक्तित्व व कार्यों से परिचित होंगे। राज्यपाल ने स्व० चक्रधर जोशी द्वारा ज्योतिष पर लिखे ग्रन्थों का अंग्रेजी में अनुवाद किए जाने का सुझाव दिया ताकि दूसरे देशों के लोगों को भी उनके ज्ञान की जानकारी मिले। इस अवसर पर डाक सेवा बोर्ड के सदस्य  उदयकृष्ण, स्व० चक्रधर जोशी के परिजन उपस्थित थे।

शिक्षा मस्तिष्क को केवल भरे ही नही बल्कि उसे जागृत भी करे-राज्यपाल

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देहरादून-राज्यपाल डॉ कृष्ण कांत पाल ने कहा है कि लगातार बदलते दौर में शिक्षा के वास्तविक उद्देश्यों पर फोकस किए जाने की आवश्यकता है। शिक्षा में सृजनात्मकता, तार्किकता, वैज्ञानिक विश्लेषण व सांस्कृतिक मूल्यों का समावेश करना होगा। राज्यपाल, प्रिंसीपल प्रोग्रेसिव स्कूल एशोसिएशन  द्वारा आयोजित सेमीनार के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में शिक्षा के उद्देश्य बदल गए हैं। शिक्षा में सूचना की प्राप्ति को अधिक महत्व दिया जा रहा है जबकि सृजनात्मकता, तार्किकता, वैज्ञानिक विश्लेषण व सांस्कृतिक मूल्य छूट जा रहे हैं। अजीज प्रेम जी फाउंडेशन द्वारा कक्षा दस के बोर्ड के दस वर्षों के प्रश्न पत्रों के विश्लेषण में पाया गया है कि 80 प्रतिशत प्रश्न केवल पाठ्य सामग्री को याद करने की योग्यता को परखने वाले थे। राज्यपाल ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी हो, जिससे छात्र दुनिया को एक व्यापक व संतुलित नजरिए से देखने में सक्षम बनें। सम्पूर्ण शिक्षा ही आज के छात्र को कल का आदर्श नागरिक बना सकती है। शिक्षा मस्तिष्क को केवल भरे ही नही बल्कि उसे जागृत भी

1971 युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि

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देहरादून -मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गांधी पार्क, देहरादून में विजय दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 16 दिसम्बर 1971 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया। जिसके परिणामस्वरूप राजनैतिक परिवर्तन हुआ और बंग्लादेश के रूप  में नए राष्ट्र का उदय हुआ। पाकिस्तान पर भारत की इस विजय ने भारत की रणनीति, राजनीति एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाई। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस युद्ध में उत्तराखण्ड के 248 सैनिकों ने अपने प्राणों की अहुति दी एवं 78 वीर सैनिक घायल हुए। 1971 के युद्ध में उत्तराखण्ड के 74 रणबांकुरों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया। जिसमें से 36 वीर जवान देहरादून के थे। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान एक सैन्य प्रदेश के रूप में है। सम्पूर्ण भारत में देवभूमि एवं वीरभूमि उत्तराखण्ड को वीर सैनिकों की वजह से विशिष्ट पहचान मिली है। उत्तराखण्ड की सैनिक पृष्ठभूमि का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप