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Showing posts from March 13, 2019

तीन बजे के बाद कोई नामांकन पत्र जमा नहीं होगा

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देहरादून–मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2019 के सकुशल सम्पन्न कराने के लिए बुधवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से पांचों लोक सभा सीटों के जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ नामांकन प्रक्रिया के संबंध में बैठक की। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 18 मार्च से 25 मार्च 2019 तक प्रत्येक कार्य दिवस पर नामांकन किया जायेगा। प्रत्याशी का नामांकन पत्र प्रातः 11ः00 बजे से अपराहन 03ः00 बजे तक लिया जायेगा। यदि 03ः00 बजे बाद कोई प्रत्याशी नामांकन कक्ष में प्रवेश करता है तो, उस प्रत्याशी का नामांकन पत्र जमा नहीं किया जायेगा।  एक प्रत्याशी अधिकतम चार नामांकन पत्र भर सकता है। प्रत्याशियों को अपना अलग बैंक एकाउण्ट खोलना होगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रत्याशी ने एफिडेविट पूरा न भरा हो तो, उन्हें एफिडेविट में अपूर्ण जानकारी के बारे में बता दिया जाए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने कहा कि नामांकन की वीडियोग्राफी की जायेगी। नामांकन के दौरान यह भी ध्यान रखा जाए कि वीडियोग्राफी के दौरान घड़ी उपयुक्त स्थान पर लगी हो, ताकि डेट और टाइम भी दिखता रहे। नामांकन प्रक्रि

मतदाताओं को लाने-ले जाने हेतु मतदान की तिथियों में वाहनों का प्रयोग .......

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देहरादून- जिला निर्वाचन अधिकारी एस.ए मुरूगेशन ने अवगत कराया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 को सम्पन्न कराने के फलस्वरूप 10 मार्च 2019 से आदर्श आचार संहिता प्रभावी है। जनपद में -टिहरी संसदीय निर्वाचन क्षेत्रान्तर्गत जनपद देहरादून के 15-चकराता(अजजा), 16 विकासनगर, 17-सहसपुर, 19-रायपुर, 20, राजपुर रोड (अ.जा), 21-देहरादून कैन्ट एवं 22 मसूरी तथा 05-हरिद्वार संसदीय क्षेत्रान्तर्गत 18-धर्मपुर, 23-डोईवाला एवं 14-ऋषिकेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सम्मिलित है। निर्वाचन की घोषणा से निर्वाचन समाप्ति तक इस दौरान विभिन्न आसामाजिक तत्वों द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न किया जा सकता है, जिससे निर्वाचन के सम्पादन एवं शान्ति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।  जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन देहरादून द्वारा निर्वाचन के सफल सम्पादन एवं शान्तिव्यवस्था बनाये रखने हेतु समस्त जनपद में  दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 144 तत्काल प्रभाव से  लागू करने के आदेश पारित किये गये है।उक्त अवधि के दौरान अपने पद के कर्तव्यों की सेवा में लगे हुए राजकीय कर्मचारियों एवं सिख धर्म के अनुया