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Showing posts from April 11, 2020

आरोग्य सेतु एप्प वायरस संक्रमण के खतरे बताता है

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देहरादून –कोरोना के सम्बंध में राज्य सरकार की तैयारियां हेतु किये जा रहे प्रयासों का विवरण जिसमें रिदिम अग्रवाल,अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि आरोग्य सेतु एप्प भारत सरकार द्वारा संचालित एप्प है। यह एप्प लोगों को वायरस संक्रमण के खतरे औऱ जोखिम का आकंलन करने में मदद करता है। यह एप्प सभी प्रकार के स्मार्टफोन/नांन स्मार्ट फोन पर उपलब्ध है।  इसे गूगल प्ले स्टोर व आईओएस दोनों पर डाउनलोड किया जा सकता है। यह खास एप्प आपके आसपास मौजूद कोरोना पांजिटिव लोगों के बारें में पता लगाने में मदद करेगा। यह एप्प डाउनलोड करते ही अपने मोबाइल के ब्लूटूथ व जीपीएस ओन करते ही यह एप्प सक्रिय होकर आपके आसपास कोरोना सक्रंमित व्यक्ति के बारे में जानकारी देगा। यह  सरकारा द्वारा आपको सुराक्षित रखने का प्रयास है, एप्प हरे और पीले रंग के कोडों में आपको जोखिम के स्तर को दिखाता है, साथ ही सुझाव देता है, कि आपको क्या करना चाहिये, अगर आपको ग्रीन में दिखाया जाता है तो मतलब “आप सुराक्षित है” तो कोई खतरा नहीं है। अगर आपको पीले रंग में दिखाया जाता है तो “ आपको बहुत जोखिम ” है,

स्वास्थ्य और पुलिस कर्मियों के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो-सीएम

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देहरादून–मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंसिग में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चल रहे कामों से प्रदेश में कोरोना संक्रामक की स्थिति का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अवगत करवाया वही मुख्यमंत्री ने लॉक डाउन को आगे भी जारी करने का प्रस्ताव रखा वीडियो कांफ्रेंसिग के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया हैं। कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो निर्देश दिये हैं। उनका पालन किया जाए। एक दो दिन में आगे के लिए केन्द्र से गाइड लाइन आ जाएगी। इसकी अनुपालना सुनिश्चित करनी है। आरोग्य सेतु मोबाईल एप की उपयोगिता को देखते हुए इसे डाउनलोड करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित किया जाए। प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार कोरोना वायरस से लङने के लिए सामाजिक और हर सम्भव प्रयास करने हैं।  यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हमारे स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार न हो। ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। आवश्यकता होने पर टेस्टिंग लेब बढाने का प्रयास किया जाए