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Showing posts from April 30, 2018

बाबा के भरोसे तीर्थयात्री

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रुद्रप्रयाग-केदारनाथ में कपाटोत्सव पर हजारों श्रद्धालु बने इस पल के साक्षी 2013 आपदा के बाद पहली बार पहुचे हजारों श्रद्धालु विश्व प्रशिद्ध भगवान केदार नाथ के कपाट बिधिवत मँत्रोचारणो के साथ 6 बजकर पंद्रह मिनट पर आम श्रद्धालुओ के दर्शनार्थ खुल गए है।राज्यपाल के के पाल बिधान सभा अध्यक्ष प्रेमअग्रवाल ,सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के साथ विधायक केदारनाथ मनोज रावत सहित हजारों की संख्या में कपाटोत्सव पर देश विदेश से आये श्रद्धालु इस पल के साक्षी बने। पिछली सरकार ने आपदा के बाद चार धाम यात्रा में एक नई व्यवस्था लागू की थी जिसमें हर यात्री का बायोमेट्रिक वह स्वस्थ परीक्षण का प्रमाण पत्र के साथ वह अपनी यात्रा करेगा तथा सभी यात्रा मार्गो में पुलिस द्वारा उन सभी यात्रियों के बायोमेट्रिक और स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों को चेक करके ही आगे के लिए रवाना करेंगे लेकिन वर्तमान सरकार ने बायोमेट्रिक व्यवस्था तो रखी रखी मगर स्वास्थ्य  परीक्षण की व्यवस्था को खत्म कर दिया जिसके कारण अस्वस्थ आदमी भी केदारनाथ की 22 किलोमीटर लम्बी व कठिन चढ़ाई से यात्रा करता है। और कई बार ब्लड प्रेशर हाई या लो हो जाने की वजह से उसकी

मानद उपाधि से सम्मानित हुई साध्वी भगवती सरस्वती

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नई दिल्ली- जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव एवं डिवाइन शक्ति फाउण्डेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती को राय विश्वविद्यालय, झारखण्ड द्वारा डाॅक्टर आॅफ फिलाॅसफी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। साध्वी को यह विशेष पुरस्कार आध्यात्मिकता एवं महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये प्रदान किया गया।स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका से स्नातक साध्वी भगवती सरस्वती हमेशा से आध्यात्मिक खोज में थी उन्होने भारत की आध्यात्मिक नगरी ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम में आकर  स्वामी चिदानन्द सरस्वती के मार्गदर्शन में दीक्षा ग्रहण की। साध्वी  ने 22 से अधिक वर्षों से परमार्थ निकेतन में रहकर आध्यात्मिक कार्य एवं मानवता की सेवा के लिये समर्पित है। वे एक वक्ता, दार्शनिक है जो गीता, मानव जीवन, विश्व शान्ति, दर्शन  और विविध विषयों पर प्रभावकारी व्याख्यान देती है। उन्होने संयुक्त राष्ट्र, विश्व धर्म संसद, महिला आर्थिक मंचाें, कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों और वैश्विक सभाओं को सम्बोधित किया है। साध्वी भगवती सरस्वती , महाग्रन्थ ’’हिन्दू धर्म विश्वकोश’’ जो