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Showing posts from August 7, 2019

मेधावी छात्रों को छात्रवृति देकर, अपने पिता को श्रद्धांजली दी

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पौड़ी—भारत सरकार के उपक्रम एफ.टी.आई.(फिल्म टेलिविजन इंस्टिटयूट पुणे) के निदेशक भूपेन्द्र कैन्थोला ने सपरिवार सहित अपने पैतृक गांव पहुंच कर अपने पिता स्वर्गीय सर्वेश्वर कैन्थोला की ११ वीं पुण्य तिथि पर अपने गांव में राजकीय इण्टर कालेज चौपड़ियू में मेधावी छात्रों को छात्रवृति वितरण कर, अपने पिता को श्रद्धांजली दी। आयोजित कार्यक्रम में स्कूली बच्चां ने सास्कृतिक कार्यक्रम के साथ निबंधात्मक प्रतियोगिता भी की गई।    विकास खण्ड पाबो के पट्टी घुडदौड़स्यू के ग्राम सभा चौपड़ियू के स्वर्गीय सर्वेश्वर कैन्थोला ने अपने बाल्यकाल में राजकीय इण्टर कालेज में अध्ययन कर मुम्बई चले गये जहां उन्होने एक उद्योग पति के रूप अपना पहचान स्थापित किया। इस मुकाम में पहुंचने के बाद भी वे अपने गांव व भाई बन्धों से मिलने हर वर्ष गांव पहुंचते थे। वर्ष 2009 को उनके आकस्मिक मृत्यु के बाद उनके पुत्र-पुत्री एवं परिवार के सदस्य हर वर्ष उनके पुन्यतिथि पर गांव पहुंचकर उक्त विद्यालय कार्यक्रम आयोजित कर श्रद्धांजली अर्पित कर रहे है। जिसके तहत वे विद्यालय के मेधावी छात्रों को छात्रवृति देकर उनकी उज्ज्वल भविष्य को सवारने में

स्तनपान शिशु के लिए संरक्षण और संवर्धन का काम करता हैं

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देहरादून–दून के गांधीग्राम क्षेत्र में बाल विकास परियोजना द्वारा  स्तनपान सप्ताह कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसमें माताओं को स्तनपान से  सम्बंधित जानकारी दी गयी. सुपरवाइजर शिल्पा रावत द्वारा महिलाओं को बताया गया कि  स्तनपान शिशु के लिए संरक्षण और संवर्धन का काम करता हैं।नवजात शिशु में रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति कम होती और जब बच्चा मां का पहला दूध, कोलोस्ट्रम पीता हैं। तो उसकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है, साथ ही यह भी बताया कि मां के दूध में  केवल पोषण ही नहीं,  बल्कि यह  मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। शिशु को पहले छह महीने तक केवल स्तनपान करवाना चाहिए। महिला कल्याण अधिकारी (महिला शक्ति केंद्र) सरोज ध्यानी, द्वारा महिलाओं को  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , नंदा गौरा योजना, प्रधान मंत्री मातृत्व वंदना योजना, राष्ट्रीय महिला हेल्प लाइन (181), वन स्टॉप सेन्टर आदि योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी,कार्यक्रम में सुपरवाइजर शिल्पा रावत, सरोज ध्यानी, गर्भवती महिला, धात्री महिलाएं, व क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाए उपस्थित रही.

अपने अंतिम ट्वीट मैं जीवन भर इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी

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मुख्यमंत्री–  त्रिवेन्द्र ने मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि सुषमा   स्वराज  अब हमारे बीच में नहीं हैं।यह देश के लिए अपूरणीय क्षति है। सुषमा स्वराज के सम्मान में उत्तराखंड में एक दिन का राजकीय शोक घोषित तो दिल्ली सरकार ने   सुषमा स्वराज के सम्मान में दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया हैं।  जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी गई। इसमें उनका भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। धारा 370 हटने के बाद उन्होंने ट्वीट किया कि ‘‘प्रधानमंत्री जी आपका अभिनंदन। मैं जीवन भर इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।’’यह उनका अंतिम ट्वीट था।  उनका उत्तराखण्ड से विशेष लगाव था। सुषमा स्वराज  उत्तराखण्ड से राज्यसभा सांसद भी रहीं। प्रदेश को ऋषिकेश एम्स उनकी ही देन है। अटल बिहारी वाजपेयी जब भारत के प्रधानमंत्री थे, उस समय स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए सुषमा  सुषमा स्वराज ने ही एम्स ऋषिकेश की नींव रखी थी। उस समय देश में 06 एम्स खोले गये। जिनमें से एम्स ऋषिकेश सर्वोच्च स्थान पर चल रहा है। कई बार उत्तराखण्ड के नौजवान जब विदेशों में किन्हीं कारणों से फंस जाते थे, तो स्व० सुषमा स्वराज  को एक