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Showing posts from September 28, 2017

"युवाओं की दशा और दिशा, आतंक का हथियार नशा"

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मानवाधिकार संरक्षण एवम भ्रष्टाचार निवारक समिति के तत्वाधान में आज प्रेस कल्ब देहरादून में एक गोष्टी का आयोजन हुआ। समिति के  अध्यक्ष ललित जोशी ने संस्था के संरक्षक डीआईजी गढ़वाल  पुष्पक ज्योति और एसपी सिटी  प्रदीप राय तथा कैलाश हॉस्पिटल के निदेशक पवन शर्मा  को पुष्प गुच्छ देकर कार्यक्रम का सुभारम्भ किया। समिति के अध्यक्ष जोशी ने बताया कि संस्था पिछले 7 वर्षों से उत्तराखंड के प्रत्येक जिले में नशाखोरी के खिलाफ जन जागरण अभियान चला रही है और अब तक 1500 से अधिक शिक्षण संस्थाओं में 6 लाख से अधिक युवाओं को नशे के आतंक से बचने के लिए चेताया गया है, साथ ही पर्यवारण संरक्षण एवम हिमालय बचाओ अभियान के लिए लोगों को जागरूक किया गया। इस वर्ष भी संस्था 2 अक्टूबर से लेकर 24 दिसम्बर तक लगभग 250 कालेजों में युवा संवाद के माध्यम से 3 लाख युवाओं को प्रदेश भर से जोड़ेगी। संस्था के संरक्षक डीआईजी पुष्पक ज्योति ने लोगों से आह्वान किया कि वो अपने बच्चों पर ध्यान दे ताकि बच्चे सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल ना करे और नशे की प्रवति से दूर रहे। एस पी सिटी प्रदीप राय ने कहा ही आज समाज की युवा पीढ़ी को जागरूक करना

NH-74 घोटाले की सीबीआई जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में की जाये-कांग्रेस अध्यक्ष

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देहरादून-प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए एनएच-74 घोटाले की जांच को लेकर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने NH-74 घोटाले को कांग्रेस के कार्यकाल का बताते हुए सदन में बयान दिया था कि घोटाले की जांच को सीबीआई ने टेकओवर कर लिया है। जबकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की चिट्ठी के बाद सीबीआई जांच को लेकर केंद्र व राज्य सरकार बैक फुट पर चली गईं। राज्य सरकार द्वारा मामले की जांच एसआईटी को सौंपने के साथ घोटाले को खोलने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का अन्यत्र तबादला भी कर दिया गया है। प्रीतम सिंह  ने कहा कि हम केंद्र व राज्य सरकार से पूछना चाहते हैं कि घोटाले की जांच करने वाले अधिकारी का तबादला क्यों और किसके दबाव में किया गया। भाजपा की केंद्र और राज्य की सरकारें इस घोटाले में सम्मिलित किन किन लोगों को बचाना चाह रही है जिसके चलते सरकार को सीबीआई जांच से कदम पीछे खींचने को मजबूर होना पड़ रहा हैं। केंद्र सरकार द्वारा ED, IT, CBI व अन्य केंद्रीय एजेंसियों के किये जा रहे दुरूपयोग को देखते हुए कांग्

प्रतिदिन करीब 30 मिनट के लिए सूर्य की रोशनी में रहना चाहिए

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देेहरादून - एक अनुमान के अनुसार भारत में 4 करोड़ हृदय रोगी हैं, जिनमें से 1.9 करोड़ लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं और 2.1 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। हमारे देश में कार्डियो वैस्कुलर बीमारियां (सीवीडी) तेजी से महामारी की तरह फैल रही हैं और मृत्यु दर बढ़ने के प्रमुख कारणों में शुमार हो रही हैं। इससे अधिक चिंताजनक बात यह है कि विटामिन डी की कमी सीवीडी के जोखिम को और बढ़ा सकती है। डॉ. अनुराग रावत, इंटरनेशनल कार्डियोलॉजिस्ट, एचआईएचटी अस्पताल, देहरादून ने कहा, भारतीयों में विटामिन डी की कमी के प्रमुख कारण हैं-शाकाहारी भोजन, सूरज की रोशनी से परहेज, बंद कार्यालयों में लंबे समय तक घंटों काम, और बाहरी गतिविधियां न के बराबर, तथा जागरूकता की भारी कमी। अध्ययनों के मुताबिक, विटामिन डी की कमी के कारण कोरोनरी हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। विभिन्न हृदय रोगों जैसे इस्केमिक हार्ट रोग (हृदय धमनियों का पतलापन), कंजेस्टिव हार्ट फेल्यर यानी हृदय की विफलता, दिल के दौरे, परिधीय धमनी रोग और स्ट्रोक आदि के पीछे सीरम 25(ओएचडी) की कमी प्रमुख है।कॉड लिवर ऑयल: यह कॉडफिश के

अमर शहीद भगत सिंह की जयंती पर श्रद्धांजलि देते प्रीतम सिंह

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देहरादून -प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष  प्रीतम सिंह के नेतृत्व में अमर शहीद भगत सिंह की जयंती के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कांग्रेसजनों ने उनका श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए शहीद भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने महान क्रान्तिकारी अमर शहीद भगत सिंह को प्रेरणा स्रोत बताते हुए कहा कि उन्होंने देष की आजादी के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देकर देशवासियों के आजादी के सपने को साकार किया। अमर षहीद भगत सिंह के देश के प्रति समर्पण ने राष्ट्र के जनमानस को गहराई तक प्रभावित किया। ऐसे महान नायकों की रहनुमाई में देश ने न केवल आजादी की लड़ाई लड़ी अपितु देश के नौजवानों को स्वतंत्रता आन्दोलन में बढ़चढ़ कर भाग लेने के लिए प्रेरित कर देने जैसे कार्यों को अंजाम देने में सफलता पाई। हम सब को मिलकर उनके बताये हुए रास्ते पर चल कर एक शक्तिशाली भारत एवं समाज के निर्माण के उनके सपने को साकार करने के लिए अपनी सहभागिता निभानी है यही उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर प्रदे

शांतिकुंज में नवरात्र साधना के सातवें दिन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा आंतरिक गुणों को परिमार्जित करने का महापर्व नवरात्र

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हरिद्वार -देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या नवरात्र साधना के सातवें दिन गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के मुख्य सभागार में आयोजित सत्संग में उपस्थित साधकों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा इन दिनों मनोयोगपूर्वक की गयी साधना से साधक के पूर्व जन्मों के दोषों का नाश होता है, तो वहीं उसका भविष्य का मार्ग भी सुगम होता है। प्रत्येक जीव कर्म के बंधन से बँधे हैं। उन्हें इनसे मुक्ति के लिए उच्च स्तरीय जप, तप की आवश्यकता होती है। ऋषि-मुनियों ने भी जप, तप के माध्यम से स्वयं के साथ-साथ अपने शिष्यों का मार्गदर्शन करते हुए उनके अंदर के गुणों को परिमार्जित किया है।  साथ ही उनके अंदर पीड़ितों की निःस्वार्थ सेवा के लिए भाव पैदा किये हैं। इसी तरह गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य  ने साधना के माध्यम से लाखों-करोड़ों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन के साथ राष्ट्र धर्म निबाहने के लिए प्रेरित किया है।डॉ. चिन्मय ने कायिक, वाचिक, मानसिक, कर्षण, अयाचित, गव्यकल्प आदि बारह प्रकार के तप की व्याख्या करते हुए कहा कि इन तप, साधना के माध्यम से पूर्व जन्म में किये पापों का

वायु सेना के पर्वतारोही दल में एक की मौत, दो गंभीर

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गोपेश्वर। त्रिशूल पर्वत पर वायु सेना का लगभग 20 लोगों का दल पर्वतारोहण के लिए गए जिसमें दल के तीन सदस्यों की तबीयत बिगड़ गई। इन्हें हेलीकाॅप्टर से रेस्क्यू कर  सेना हाॅस्पिटल जोशीमठ लाया गया, जहां एक की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से बीमार हैं। जानकारी के अनुसार चमोली जिले के त्रिशूल पर्वत पर पर्वतारोहण के लिए वायु सेना के तीन पर्वतारोही कुछ दिन पहले रवाना हुए थे। सभी देहरादून से अनुमति लेकर गए थे। लेकिन यहां कापफी ऊंचाई पर जाकर तीनों की तबियत बिगड़ गई। इन्होंने किसी तरह सूचना अपने सेंटर तक पहुंचाई। बताया जा रहा है कि वायु सेना का हेलीकाॅप्टर इनकी मदद के लिए पहुंचा।  यहां से रेस्क्यू कर इन्हें एमएच जोशीमठ लाया गया, जहां एक पर्वतारोही की मौत हो गई। बाकी दोनों सदस्यों की हालत भी गंभीर बनी हुई है। चमोली जिला प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक सप्ताह पहले वायुसेना का यह दल त्रिशूल पर्वतारोहण के लिए गया था। त्रिशूली पर्वत नन्दा देवी वायसपफेयर के अंतर्गत आता है। वन विभाग देहरादून से इन्होंने अनुमति ली थी। बुध्वार की शाम को जानकारी एसडीआरएपफ को दी गई। सेना के हेलीका