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Showing posts from May 7, 2018

नही होगा बंद ओ एन जी सी पोलटेक्निक

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देहरादून-ओ एन जी सी पोलटेक्निक बी एस पोलोटेक्निक कौलागढ़ रोड के संदर्भ में एक वार्ता ट्रेड यूनियनों सामाजिक संघटनो व राजनेतिक दलो के प्रतिनिधियो व इस संस्थान कि तथाकथित प्रभन्धन समिति के सदस्यों के बीच तेल भवन में एक बैठक हुई इस संस्थान को बंद करने के खिलाफ ये समस्त संघटन आंदोलनरत थे, बैठक में प्रबंधन समिति द्वारा ये  अवगत कराया गया कि उनकी कि बैठक में पूर्वे में लिया संस्थान को बंद करने के फैसलों को वापिस लिया जाता है व जिस प्रकार पूर्व में प्रवेश के इछुक छात्रों को प्रवेश प्रपत्र दिए जाते थे उनके भी जारी करने के आदेश आज पारित कर दिए जाएंगे, वहां पर कार्यरत प्रिंसिपल के स्थान पर जल्द ही नई नियुक्ति के आदेश दे दिये गए है याद रहे पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ शिक्षको व ओ एन जी सी प्रबंधन वर्ग के साथ एक बैठक हुई थीं जिसमे उन्हीने इस संस्थान को किसी भी हालात में बंद न किये जाने का आश्वासन दिया था आज यूनियन के प्रतिनिधियो को यह भी बताया गया कि इस संस्थान को किसी भी हालात में पी पी मॉड पर नही दिया जाएगा इस सस्थान जिस में हर वर्ष 400 से लेकर 600 बच्चे शिक्षा लेकर देश विदेश मे

रिस्पना नदी के बीचोंबीच सीवर लाइन का विरोध

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देहरादून-रिस्पना नदी के बीचोंबीच सीवर लाइन निर्माण किये जाने के विरोध में राजपुर रोड विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक राजकुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक से मिला और ज्ञापन सौंपा । उनका कहना है कि नदी रिस्पना के बीचोंबीच सीवर लाईन डालकर मोथरोवाला के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड दी गई है जबकि पहले सर्वे में निर्णय लिया गया था रिस्पना के बीचों बीच सीवर लाईन नहीं डाली जायेगी, यदि रिस्पना नदी में बाढ़ की स्थिति आती है तो निश्चित रूप से सीवर लाईन को भी क्षति होगी। इस प्रकार जो  नौ करोड़ रूपये सीवर लाईन डालने में खर्च किया है वह व्यर्थ हो जायेगा। उनका कहना है कि इसके अतिरिक्त यदि सीवर लाइन व मेन होल चैम्बर क्षतिग्रस्त हाते है तो रिस्पना नदी में आने की स्थिति में इसकी मरम्मत व सफाई करना भी संभव नहीं हो पाये और सीवर का पानी उल्टा स्थानीय निवासियों के घरों में आ जायेगा और सइ प्रकार स्पिना प्रदूषण मुक्त होने के बजाय दूषित हो रही है। उनका कहना है कि इसके लिए प्रबंध निदेशक को वस्तु स्थिति से अवगत कराया जायेगा। इस मौके पर लालचंद शर्मा आनंद त्यागी ,अ

शिक्षक का शिक्षा निदेशालय में धरना

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देहरादून-प्रान्तीय कार्यकारिणी के आह्वान पर शिक्षा निदेशालय देहरादून में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया है। इससे पूर्व 2 मई को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में यह कार्यक्रम हो चुका है।संगठन की गतिशीलता को बनाये रखने के लिए समय-समय पर आंदोलनात्मक पहल कदमियां लेनी पड़ती हैं। यह एक बहुआयामी प्रक्रिया है।इससे जहां एक ओर सम्मानित संघनिष्ठ साथी की तंद्रा टूटती है,संगठन में धार आती है,वहीं दूसरी ओर हुक्मरानों को भी हमारी ताकत का एहसास होता है। ऐ एक तरह का लिटमस टेस्ट है। साथियों राजकीय शिक्षक संघ का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है। संगठन की बदौलत हमें बहुत कुछ मिला है। अतः आशावादी दृष्टिकोण के साथ संगठन की हर पुकार पर अग्रिम पंक्ति पर खड़ा रहना हम सभी का नैतिक दायित्व है। कुमाऊँ मण्डल कार्यकारिणी का सभी सम्मानित संघनिष्ठ साथियों से आह्वान है कि अधिक से अधिक संख्या में 7 मई को शिक्षा निदेशालय देहरादून पहुंचे।आरोप-प्रत्यारोप ,लाभ-हानि की सोच से ऊपर उठकर सरकारी शिक्षा तथा राजकीय शिक्षक के अस्तित्व को बचाने के इस संघर्ष में सहभागी बने।

जंतर मंतर में गुंजी राजधानी गैरसैंण की हुंकार

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नई दिल्ली-गैरसैंण राजधानी आंदोलन के साथ लगातार लोग जुड़ने लगे हैं। कल संसद मार्ग (जंतर मंतर) नई दिल्ली में उत्तराखंड एकता मंच द्वारा आयोजित हुंकार रैली में बड़ी संख्या में लोग जुटे। दिल्ली और एनसीआर के साथियों के साथ ही देहरादून, हल्द्वानी, चंडीगढ़ समेत तमाम जगहों से लोग दिल्ली पहुंचे। सबसे उत्साहजनक बात यह रही कि बहुत से लोग गैरसैंण को लेकर आयोजित किसी कार्यक्रम में पहली बार पहुंचे थे। पहली बार पहुंचने वाले लोग गैरसैंण को लेकर पूरी तरह कन्विन्स होकर इस वादे के साथ लौटे कि अगली बार वे नए लोगों के साथ आएंगे। चंडीगढ़ के कुछ उत्तराखंडी साथियों ने वादा किया है कि वे वहां इस मुहिम से लोगों को जोड़ेंगे। रैली में वक्ताओं ने गैरसैंण को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने पर जिस शिद्दत के साथ जोर दिया उससे पूरी उम्मीद है कि लड़ाई अब और मजबूत होगी। गैरसैंण राजधानी आंदोलन के लिए बनाई गई संघर्ष समिति के अध्यक्ष चारु तिवारी ने स्पष्ट शब्दों में यह बात कही कि सबसे पहले गैरसैंण के दुश्मनों को पहचानना और बेनकाब करना होगा। साथियो, हमारा साफ तौर पर मानना है कि बारी-बारी से प्रदेश की सत्ता में बैठने वाली कांग