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Showing posts from December 14, 2017

उत्तराखंड में पवन ऊर्जा से होगा विद्युत उत्पादन

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देहरादून-पवन ऊर्जा  ऐसी मशीन है जो हवा के वेग या बहाव की ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करती है। कहने का तात्पर्य यह है कि जब हवा चलती है तो वह सीधी दिशा में जाती है जिसे रेखीय गति कहते हैं। पवनचक्की में लगे पंख अपनी क्षमता का उत्कृष्ट उदाहरण देते हुए हवा की इस रेखीय गति को घूर्णीय गति में परिवर्तित कर देते हैं और पवनचक्की में लगी टर्बाइन इस घूर्णन से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न कर देती है।प्राचीन मिश्र के निवासी नील नदी में अपनी नावों के परिचालन के लिए पवन ऊर्जा का प्रयोग करते थे, माना जाता है कि इसकी परिकल्पना आज से लगभग 4000 ई0पू0 की होगी। पवन शक्ति से विद्युत उत्पादन का प्रयोग पहली बार 1887 में स्टाटलैंड में किया गया, उस वक्त डाइनेमो के द्वारा विद्युत बनाने में इसका प्रयोग किया जाता था। इस तथ्य से कोई भी अन्जान नहीं है कि उत्तर भारत में इस प्रकार की तकनीकियों का इस्तेमाल ना के बराबर होता है। यह भी सत्य है कि पवन शक्ति की ऊर्जा गतिज ऊर्जा होती है एवं वायु के वेग में कमी या बढ़ोतरी होने पर पवनचक्कियां ठीक तरीके से कार्य नहीं करती। यदि वायु की गति 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी तो ...

गरीबों को निःशुल्क बिजली देने पर भी विचार

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देहरादून -मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ओ.एन.जी.सी. आॅडिटोरियम में उरेडा द्वारा ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में एलईडी बल्ब वितरण हेतु महिला स्वयं सहायता समूह की भागीदारी कराए जाने के लिए ’’उजाला मित्र’’ योजना का शुभारंभ भी किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा ऊर्जा संरक्षण विषय पर उरेडा द्वारा प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया गया तथा ऊर्जा संरक्षण पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा समारोह स्थल पर ऊर्जा दक्ष उपकरणों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया।राज्य में एक करोड एलईडी बल्ब वितरित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक करोड एल.ई.डी. बल्बों के वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इसमें लगभग 175 करोड रूपये की ऊर्जा बचत का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि राज्य के सभी परिवार एल.ई.डी. बल्बों का उपयोग करें, तो कई सौ करोड़ रूपये की ऊर्जा की बचत होगी। इस धनराशि का प्रयोग लोगोंकी शिक्षा...

आधुनिक युग डिजिटल संभावनाओं का युग

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देहरादून-जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन द्वारा राजपुर रोड स्थित राजकीय इन्टर कालेज में ‘अग्रणी विकास समिति’ जागरूकता सोसाईटी के संयोजन से तथा भारतीय स्टेट बैंक के तत्वाधान में आयोजित ‘‘ डिजिटल बैंकिंग जागरूकता और कंपीटिशन कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। जिलाधिकारी ने स्कूली बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आधुनिक युग डिजिटल संभावनाओं का युग है तथा युवा ही वर्तमान भारत के निर्माता हैं, इसलिए उन्होने सभी छात्र/छात्राओं को डिजिटल रूप से महारत हासिल करने की अपील की। उन्होने कहा कि आपकी डिजिटल जागरूकता और सजगता ही देश को मजबूती देगी तथा न केवल आपको डिजिटल तरीकों में सक्षम होना है बल्कि अपने माता-पिता, दोस्तों और पड़ोसियों को भी इस ओर जागरूक व प्रेरित करना है। उन्होने विद्यालय में बच्चों के शौचालय की दशा सुधारने का भी आवश्वासन दिया तथा छात्र-छात्राओं को अपने अन्दर सकारात्मक सोच विकसित करते हुए कार्य करने को कहा।इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौड़ाई, उप प्रबन्धक एसबीआई एस.के मुखर्जी, अग्रणी विाकस समिति के अध्यक्ष अवनीश मलासी  सहित सम्बन्धित कार्मिक उपस्थि...

उत्तरकाशी गंगोरी पुल टूटा

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उत्तरकाशी- गंगोत्री राज मार्ग पर गंगोरी के पास वैली ब्रिज टूटा। पुल से भारी वाहन गुजरते समय हुआ हादसा। बीआरओ की कार्य प्रणाली पर उठे सवाल। 2008 में भी टूटा था गंगोरी पुल डीएम ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश SE PWD रहेंगे जांच में शामिल। नदी के ऊपर से अस्थाई सड़क बना कर कराई जाएगी आवाजाही। वर्ष 2012 से अस्थायी वैली ब्रिज के स्थान क्यों नही बन सका स्थाई पुल। वर्ष 2008 में गंगोरी में ही बीआरओ का RCC पुल उद्धघाटन से पहले ही हुआ था ध्वस्त। चीन सीमा की ओर सड़क मार्ग की तैयारी को लेकर बीआरओ की कार्य प्रणाली पर उठे सवाल।

नैतिक शिक्षा एवं आध्यात्मिक शिक्षा पर बल दिया जाए

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देहरादून -मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने  पेसलवीड कॉलेज देहरादून में प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन द्वारा आयोजित प्रधानाचार्य एवं अध्यापकों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि शिक्षा का संबंध केवल रोजगार तक सीमित नहीं है। शिक्षा को रोजगारपरक होने के साथ सांस्कारिक होना जरूरी है। शिक्षा सकारात्मक जीवन एवं सोच प्रदान करने वाली होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मन में आशा और विश्वास होना जरुरी है। यह शिक्षा के रचनात्मक संस्कार से ही संभव है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मतलब सह अस्तित्व एवं पारस्परिकता है। समाज के सर्वांगीण विकास के लिए समाज के पिछड़े वर्गों को साथ लेकर चलना जरूरी है। यह सबके शिक्षा के स्तर में सुधार से ही संभव है। उन्होंने कहा कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा से ही अग्रणी रहा है। शिक्षा के स्तर को जितनी ऊंचाई तक पहुंचेगा, उतनी ही तेजी से देश एवं प्रदेश का विकास होगा। माध्यमिक शिक्षा महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने कहा कि राज्य में शिक्षा...