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Showing posts from March 8, 2018

चांदनी गंगा में हुई विसर्जित

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हरिद्वार। दोबारा हरिद्वार आने की इच्छा थी श्रीदेवी की मगर किसी को पता नहीं था कि इस रूप में आयेगी श्रीदेवी ,  दिवंगत श्रीदेवी की अस्थियां उनके पति बोनी कपूर और देवर अनिल कपूर ने गंगा में विसर्जित की। इस दौरान बोनी कपूर और अनिल कपूर भावुक नजर आए। अस्थि विसर्जन के बाद बोनी कपूर, अनिल कपूर और राजनेता अमर सिंह राज्य अतिथि गृह डामकोठी पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कनखल स्थित हरिहर मंदिर में दर्शन किए। शाम पांच बजे वे देहरादून के लिए रवाना हो गए।जेट एयरवेज की फ्लाइट से सभी पहले दोपहर 12:50 बजे देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। बोनी कपूर, अनिल कपूर, राजनेता अमर सिंह और फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा समेत परिवार के छह सदस्य हरिद्वार स्थित वीआईपी घाट पहुंचे। दो कलशों में अभिनेत्री श्रीदेवी के अस्थि पुष्प थे। यहां कपूर खानदान के तीर्थ पुरोहित शिवकुमार पालीवाल और मनीष जयवाल ने पूजा का पूरा इंतजाम किया था। गंगाजी का आचमन करने के बाद वीआईपी घाट पर कर्मकांड किया गया। 15 मिनट चली पूजा के बाद दिवंगत श्रीदेवी की अस्थियां गंगा में प्रवाहित की गईं।कर्मकांड संपन्न कराने के बाद सभी राज्य अतिथि गृह डाम

आस्था का सैलाब

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देहरादून--आस्था का सैलाब और पूर्ववत् भागीदार विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल, दुर्गावाहिनी श्रीगुरु रामराय दरबार (झंडे जी ) के भव्य स्वागत को उतरा बजरंग दल संगठन व बजरंग दल घंटाघर व्यापारी समिति पुष्प वर्षा , जल , लड्डू मठ्ठी के प्रसाद वितरण से श्रीमंहत देवेन्द्र दास व पवित्र संगत का अभिवादन कर पुण्य के भागीदार बने  हर वर्ष की भांति ही इस वर्ष भी बजरंग दल संगठन की और से झंडे दरबार मे आई संगत व मंहत जी का भव्य स्वागत पल्टन बाजार मे किया गया जिसमे उपस्थित लोगों मे ,महानगर अध्यक्ष दर्शन लाल भम्भ , विभाग संयोजक विकास वर्मा , गौरव ढिंगिया , संजीव बालियान , भावना शर्मा ,  श्याम शर्मा , अंकुर कुकरेजा , संदीप वाधवा , विजय गुप्ता , मनोज जुनेजा , कमल बिज्लवाण , सुमित  विक्की मान , सोनू मूछ, हिमांशु नेगी , उमेश चानना , मनोज तोमर , मनिन्दर कक्कड ,करन , व अन्य दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे

दून विश्वविद्यालय के छात्रों ने की महिला अधिकारों की आवाज बुलंद

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देहरादून - दून विश्वविद्यालय के थियेटर क्लब के छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नुक्कड़-नाटक का आयोजन कर महिलाओं के अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनने का संदेश दिया। महिला दिवस के लिए विशेष तौर पर छात्रों ने नाटक तैयार किया, जिसका शीर्षक –लोग क्या सोचेगें- था। नाटक का लेखन अर्नव डंगवाल, बी.ए द्वतीय वर्ष, मीडिया विभाग ने किया, जबकि निर्देशन शंशाक तिवारी, बी.ए द्वीतीय वर्ष, मीडिया विभाग ने किया।नाटक में 15 पात्रों ने भाग लिया। दून विश्वविद्याल के तमाम स्कूलों के छात्रों स्वयं के प्रयास से ही नाटक तैयार किया। इसका मंचन विश्वविद्यालय परिसर में कई जगहों पर किया गया। इस प्रयास की सबसे खास बात यह रही कि नाटक को देखने के लिए छात्रों ने  को आंमत्रित नहीं किया, लेकिन जैसे ही छात्रों ने नाटक का मंचन शुरू किया। भीड़ अपने आप जुटना शुरू हो गई। नाटक देखने पहुंचे शिक्षकों, छात्रों एवं विश्वविद्यालय के अन्य कर्मचारियों नाटक की सराहना की। दून विश्वविद्यालय के थियेटर क्लब के अध्यक्ष आशीष डंगवाल, बी.एस.सी तृतीय वर्ष, भौतिक विज्ञान, ने बताया कि नाटक के जरिए घरेलू हिंसा, बलात्कार और मासिक धर्म के दौर

स्त्रियां आज दोहरी गुलामी की शिकार --कृष्णपल्लवी

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देहरादून--स्त्री मुक्ति लीग और दून सिनेफाइल्स द्वारा आज 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' के अवसर पर जब्बार पटेल द्वारा निर्देशित फिल्म 'सुबह' की स्क्रीनिंग की गई और उस पर विस्तार से बातचीत की गई। फ़िल्म 'सुबह' एक स्त्री के संघर्ष की सशक्त कहानी है,जो घर में पितृसत्तात्मक-मूल्यों से लड़ती है और बाहर स्त्री को एक मॉल बना देने,स्त्री की गरिमा-स्वाभिमान पर चोट करने वाली इस व्यवस्था से भी लड़ती है।इस कार्यक्रम की संयोजिका कविता कृष्णपल्लवी ने कहा कि,स्त्रियां आज दोहरी गुलामी की शिकार हैं, जिसे ये फ़िल्म बख़ूबी दिखाती है।घर में वे पितृसत्तात्मक मूल्यों, परम्पराओं, रुढ़ियों द्वारा दबाई जाती हैं और बाहर कदम -कदम पर उन्हें अपनी अस्मिता-सम्मान के लिए जूझना पड़ता है। ये फ़िल्म समाज के अलग-अलग तबकों की शोषित-उत्पीड़ित महिलाओं की हकीक़त को हमारे सामने खोलकर रख देती है।फ़िल्म पर हुई अनौपचारिक चर्चा में राकेश अग्रवाल, मीनू जैन, अश्विनी त्यागी, जयदीप सकलानी और गीता गैरोला  आदि ने भाग लिया।यह फ़ि‍ल्‍म घर की बंदिशों और व्‍यापक सामाजिक उद्देश्‍य के लिए जीने के बीच अपनी जगह पाने के लिए जूझती एक स्

महिला योग साधकों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं

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ऋषिकेश-राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि भारतीय सभ्यता व संस्कृति को बनाए रखने में संत-महात्माओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पहले जब संचार के साधन नहीं थे, संत-महात्मा देशाटन करते रहते थे और सांस्कृतिक एकता का संदेश भारत के सभी भागों में पहुंचाते थे।  योग के माध्यम से भारतीय संस्कृति का पुनरूत्थान हो रहा है। आज सभी देशों ने योग के महत्व को स्वीकार किया है। राज्यपाल, ऋषिकेश में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित महिला योग साधकों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि योग के साथ ध्यान-साधना भी जरूरी है। इसका सबसे बड़ा फायदा मस्तिष्क को नियंत्रित करने में मिलता है। इससे एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है। योग से मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य में लाभ होता है। राज्यपाल ने इस संबंध मे स्वयं के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि बचपन में टाॅन्सिल की समस्या होने पर उन्होंने जलनेति व अन्य यौगिक क्रियाएं कीं। इसके बाद उन्हें कभी ये समस्या नहीं हुई। योग को सहज व सरल

दून विश्वविद्यालय में अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर वाद-विवाद प्रतियोगिता

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देहरादून--अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर दून विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ मैनेजमेंट ने एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया। वाद-विवाद प्रतियोगिता का शीर्षक था ‘‘द इक्वालिटी डिबेटः हाउ फार हैव वी कम’’। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में करीब 20 वक्ताओं ने हिस्सा लिया। प्रथम स्थान इकोनोमिक्स विभाग के छात्र व्योम रस्तोगी, द्वितीय स्थान इकोनोमिक्स विभाग के ही उज्ज्वल शर्मा एवं तृतीय स्थान स्कूल आॅफ लैंगुएज के अभिषेक खण्डूरी ने प्राप्त किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने विभिन्न रूप एवं सीमित समय में विस्तार से अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। कार्यक्रम का आयोजन स्कूल आॅफ मैनेजमेंट के आइ0एम0बी0ए0 आठवें सैमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो0 एस0पी0काला ने छात्र-छात्राओं का प्रोत्साहन किया एवं छात्रों को भविष्य में भी ऐसे आयोजन करने के लिये प्रेरित किया। प्रो0 काला ने कहा आज वो दिन आ चुका है जब महिलाएं पुरूषों से कदम से कदम बढ़ाकर चल रही हैं और वो दिन भी दूर नहीं जब भारतीय समाज में हम एक सशक्त नारी सश