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Showing posts from June 2, 2020

ई-पास के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी की वेबसाईट पर पंजीकरण करें

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देहरादून– जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहां कि राज्य में ग्रीन एवं ऑरेंज जनपद में अन्तरजनपदीय आवागमन के लिए पास की अनिवार्यता नही हैं।परन्तु आवागमन से पूर्व देहरादून स्मार्ट सिटी की वेबसाईट पर रजिस्टेशन कराना अनिवार्य है। जिलाधिकारी ने बताया कि जो व्यक्ति रेड जोन से प्रवेश कर रहे हैं। उनको देहरादून स्मार्ट सिटी की वेबसाईट पर पंजीकरण कर अनुमत ई-पास के उपरान्त ही जनपद में प्रवेश करने दिया जायेगा।  जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार के नये नियमों के अनुसार जो व्यक्ति अन्य कोविड-19 से प्रभावित क्षेत्रों से विभिन्न माध्यमों से जनपद में आ रहे हैं। उन्हें 7 दिन संस्थागत क्वारेंटीन तत्पश्चात  14 दिन के लिए  होम क्वारेंटीन किया जायेगा। इसके अतिरिक्त प्रशासन द्वारा संस्थागत क्वारेंटीन फैसिलिटी से पेड क्वारेंटीन में जाने का विकल्प व्यक्ति के पास उपलब्ध रहेगा। ऐसे व्यक्ति जो कोविड-19 संक्रमण से कम प्रभावित क्षेत्रों से जनपद में प्रवेश कर रहे हैं। उन्हें 14 दिन का होम क्वारेंटीन किया जायेगा। उन्होंने कहा जिन व्यक्तियों को होम क्वारेंटीन किया गया है उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय भारत स

राज्य के गांवो में बनाए क्वारंटाईन केंद्र यातना केंद्र बने -अनुग्रह

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नई दिल्ली –अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की कार्यसमिति के सदस्य व उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने आज यहां जारी एक बयान में  राज्य की भाजपा सरकार पर कोरोना से उठ रही चुनौतियों से मुकाबला करने में पूर्ण विफलता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने यदि शुरुआत से ही कोरोना की गंभीरता को लिया होता तो आज राज्य की यह हालत ना होती । जिन लोगों पर लोगों की रक्षा का भार था। लापरवाही व जिम्मेदाराना ढंग से काम करने से  वह जनता की सेवा  तो क्या करते , उल्टा जनता पर पर ही भार बन गए है।उन्होंने राज्य के क्वरन्टाईन  केंद्रों में लोगों की दर्दनाक मौतों पर दुख व चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का रवैया प्रवासियो के  प्रति  सदैव " सौतेला व असंवेदनशील" रहा ।यही कारण है कि  सरकार ने प्रवासियों को ग्राम प्रधानों के जिम्मे छोड़ दिया जिनके पास ना तो संसाधन थे और ना ही कोरोना जैसी भयंकर बीमारी से लड़ने का प्रशिक्षण ।उन्होंने कहा कि यही कारण है कि राज्य के गांवो मे बनाए गए "क्वारंटाईन  केंद्र" "यातना केंद्र " में बदल गए ।जहां पर एक 4 साल की बच्ची

अब ऑनलाइन हुआ दून ट्रैफिक पुलिस

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देहरादून –प्रौद्योगिकी के युग में देहरादून यातायात पुलिस कलगातार नये तरीके अपना रही है तथा सर्वोत्तम सेवा प्रदाता के रूप में अपनी कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए सदैव प्रयासरत है। यातायात व्यवस्था एवं प्रबंधन की योजनाओं को जनता पटल पर रखने के लिए एक साझा मंच की आवश्यकता महसूस की गई,  जिसके लिए इस डिजिटल दुनिया में संचार प्रणाली ही सर्वोत्तम माध्यम है । उपरोक्त के मद्देनजर, देहरादून यातायात पुलिस ने वेब-आधारित मंच के अनुप्रयोग के लिए आमजन मानस के प्रयोजन के लिए अत्याधुनिक वेबप्रणाली को विकसित करवाया गया। प्रकाश चन्द्र, पुलिस अधीक्षक  यातायात के अनुसार यातायात पुलिस किसी शहर या राज्य के प्रथम प्रहरी के रूप में कार्य करती हैं। और सावर्जनिक मार्गों पर परिवहन सुविधा को सुगम व सुव्यवस्थित बनाएं रखना ही इस बल की प्राथमिकता है । परन्तु बदलते समय में विभिन्न आवश्यकताओं के साथ यातायात पुलिस की कार्यक्षमताओं व तौर तरीकों में नायाब परिवर्तन लाया जाना आज के परिदृश्य में आवश्यक हो गया है । इस संगठित बल का स्वरूप, जनशक्ति, क्षमताएं संसाधन, कार्यप्रणाली एवं मौजूदा समय की जरूरतों का स्वतंत्र व साझा मंच