व्यक्ति को अपने छोटे से छोटे काम के लिए भी मुख्यमंत्री को फोन करना पड़ेगा
सवाल यह उठता है कि सरकारी कर्मचारी क्यों नहीं जनता की बात सुनते हैं और उनकी मदद करते हैं क्या हर व्यक्ति को अपने छोटे से छोटे काम के लिए भी मुख्यमंत्री को फोन करना पड़ेगा तभी उसका काम होगा या बिना मुख्यमंत्री के कहीं भी जनता का काम हो सके क्यों नहीं ऐसी व्यवस्था हमारे मुख्यमंत्री करते हैं की पहाड़ी क्षेत्रों में अमूमन ऐसी कई घटनाएं होती हैं इससे पूर्व भी अल्मोड़ा में एक घटना हुई थी जिसमें गर्भवती महिला को 44 किलोमीटर पैदल चलकर नदी जंगल पार करने के बाद भी उसके बच्चे को नहीं बचा पाए थे तो आखिर ऐसा स्थिति क्यों आती है क्यों नहीं यह सुविधाएं क्षेत्रों में मुहिया कराई जाती है ताकि किसी को देहरादून का मुंह ना देखना पड़े। ये अति दुर्गम इलाके की घटना है जोकि जनपद उत्तरकाशी की तहसील पुरोला की है एक महिला अपने बीमार बच्चे की मदद के लिए ऐसे ही काली रात में भटक रही थी। लेकिन कहीं से उम्मीद की रोशनी नजर नही आ रही थी। 28 जुलाई को उत्तरकाशी की पुरोला तहसील के सुनाली गांव में एक महिला के नवजात बच्चे की तबीयत बेहद खराब थी। रात के 11 बजे मीरा नाम की महिला को अपने बीमार बच्चे के इल...