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Showing posts from August 27, 2019

मिजोरम,उत्तराखण्ड राज्यों के लिए रेडड् प्लस कार्य योजना विकसित....

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देहरादून–रेड्ड प्लस हिमालय परियोजना का विस्तार करने के लिए भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् और अंतर्राष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केन्द्र  द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर विकासशील देशों में निर्वनीकरण और वन क्षरण से उत्सर्जन को कम करना और वन कार्बन भंडारों के संरक्षण का महत्व, वनों का स्थायी प्रबंधन तथा वन कार्बन भंडारों का संवर्धन सामूहिक रूप से रेड्ड प्लस के नाम से जाना जाता हैं। जो वन क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन शमन विकल्प में से एक हैं। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् तथा काठमांडू, नेपाल स्थित अंतर्राष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केन्द्र ने 2015 में भारत के हिन्दु कुश हिमालय भाग में ट्रांस-बाउंड्री परिदृश्य में रेड्ड प्लस हिमालय परियोजना के क्रियान्वयन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। दक्षिण-दक्षिण सहयोग के माध्यम से परियोजना मुख्यतः क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी साझाकरण तथा रेड्ड प्लस पर ज्ञान के प्रसार पर केन्द्रित है।यह परियोजना जर्मनी संघीय गणराज्य के पर्यावरण,प्रकृति संरक्षण मंत्रालय के जलवायु पहल कार्यक्रम के अन्तर्गत जर्मन अंतर्राष्ट्रीय सहय...

राज्यपाल ने अटल टिंकरिंग लैब का उद्घाटन किया

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देहरादून– राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य ने  रायवाला देहरादून स्थित माँ आनन्दमयी मेमोरियल स्कूल में अटल टिंकरिंग लैब का उद्घाटन किया तत्पश्चात  बच्चों के द्वारा बनाए गए मॉडल्स को भी राज्यपाल ने देखा  तथा स्कूल प्रबंधन ने कहा कि  यहां पर  छात्रों को विज्ञान व प्रौद्योगिकी से जुड़ा कुछ नया प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया जाता हैं।   राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य ने कहा कि बच्चे राज्य में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में आने वाली चुनौतियों व समस्याओं के समाधान हेतु वैज्ञानिक शोध में रूचि लें। बच्चों में हमेशा कुछ नया, लेकिन सकारात्मक खोजने की ऊर्जा होनी बहुत जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि कृषि, विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में ‘‘इनोवेशन’’ आवश्यक है।   बच्चों को उत्तराखण्ड के पर्यावरण एवं जल संरक्षण, स्वच्छता, टैफिक प्रबंधन, पर्वतीय कृषि और महिलाओं के लिए उपयोगी अविष्कारों, आदि पर विशेष रूप से काम करना चाहिये। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि सभी स्कूलों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित सीखने का वातावर...

एक टन प्लास्टिक कचरे से 800 लीटर डीजल बनेगा

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देहरादून–विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार डाॅ. हर्ष वर्धन एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने  भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून में अपशिष्ट प्लास्टिक से डीजल प्रायोगिक संयंत्र का उद्घाटन किया। इस संयंत्र में एक टन प्लास्टिक कचरे से 800 लीटर डीजल बनेगा। इस संयंत्र की स्थापना से वेस्ट मैटीरियल का जहां डीजल के रूप में सदुपयोग होगा, वहीं प्लास्टिक से मुक्ति की दिशा में भी अच्छा कदम है। केन्द्रीय मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन ने कहा कि कई वर्षों के शोध के बाद आईआईपी अब प्लास्टिक से बड़े पैमाने पर डीजल व पेट्रोल उत्पादन करने जा रहा है। इससे देश में पेट्रोलियम पदार्थों को लेकर अन्य देशों पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के लिए एनजीओ की मदद से प्लास्टिक कचरे को एकत्रित किया जायेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्लास्टिक के उत्पादों से डीजल बनाने की विधि आईआईपी के वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धि है। इससे जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी वहीं इकाॅनोमिक ग्रोथ में भी यह मददगार होगा। इस अवसर पर आईआईपी के निदेशक डाॅ. अंजन कुमार रे एवं वैज्ञानिक उपस्थित...