समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट जैसे ही मिलेगा उसे देवभूमि में लागू करेंगे – मुख्यमंत्री
देहरादून – मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता कानून बनाये जाने की दिशा में राज्य सरकार के सकारात्मक प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड सम्पूर्ण देश को शुद्ध जल, हवा व पर्यावरण प्रदान करने वाला प्रदेश है। यह ऋषियों मुनियों, तपस्वियों, महान साहित्यकारों व प्रबुद्धजनों की भूमि रही है। ऋषियों मुनियों द्वारा मंत्रो व ऋचाओं के जो शब्द यहां रचे गये वे कभी समाप्त नहीं होते। उन्ही की ऊर्जा का प्रतिफल है कि हमने इस दिशा में पहल की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिये हमने 12 फरवरी, 2022 को जनता से वादा किया था कि हम समान नागरिक संहिता लायेंगे। उत्तराखण्ड देवभूमि है, गंगा-यमुना का प्रदेश है, वनों पर्वतों से आच्छादित है। दो-दो अर्न्तराष्ट्रीय सीमा से लगा है। धर्म, आध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। राज्य में कोई भी किसी पंथ, समुदाय, धर्म, जाति का हो सबके लिये एक समान कानून हो, इसके प्रयास किये गये है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं में विद्धान लोग थे उन्होंने इसमें इसका प्राविधान किया है। उत्तराखण्ड की जनता ने किसी राजनैतिक दल को लगातार दूस...