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Showing posts from April 24, 2020

मुख्यमंत्री ने गढ़वाली भाषा में लिखी चिठ्ठी प्रवासी उत्तराखंडियों को

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देहरादून–मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 की वैश्विक महामारी के अवसर पर अपनी जन्मभूमि पर लौटे प्रवासी उत्तराखंड वासियों के स्वस्थ एवं सुखी जीवन की कामना की है।देश में लॉक डाउन से अपने गांव को लौटे प्रदेशवासियों से गढ़वाली भाषा में प्रेषित पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि हमारे प्रवासी भाइयों ने देश व विदेश में रहकर अपनी मेहनत से अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा है कि अब वह यही कार्य अपने घर गांव में भी कर सकते हैं, इससे उनका परिवार एवं हमारा प्रदेश भी आर्थिक रूप से खुशहाल होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने आज पौडी गढ़वाल के प्रवासियों को भेजे पत्र में कहा है कि हमारे पूर्वजों ने पहाड़ों को काटकर खेत बनाए, उन खेतों को उपजाऊ बनाकर हमारा पालन-पोषण किया है। आज यही खेती हमारी भागम भाग की जिंदगी के कारण बंजर पड़ी है। जबकि हमारे इन खेतों के उत्पादों की मांग देश व दुनिया में हो रही है। हमारे मंडुवा, झंगोरा, दाल, गहत, राई, जौ, तिल, शहद, गाय का घी व बुरांश के जूस की मांग तेजी से बढ़ रही है। आज जब दुनिया के उद्योगपति भी अपनी खेती पर ध्यान दे रहे हैं तो

बैंक सखी शरीरिक दूरी सुनिश्चित करके वृद्धावस्था पेंशन वितरण करती

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देहरादून– भारत और नेपाल में अंतिम मील के वित्तीय समावेशन के लिए डिजिटल भुगतान और वितरण प्रणालियों में एक अग्रणी फिनटेक कंपनी एफआईए ग्लोबल लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान कर रही हैं।बैंक मित्रों और बैंक सखियों के सहयोग से कंपनी कोविड-19 महामारी के कारण हुए संकट के दौरान ग्रामीणों तक उनकी मदद कर रही है। केंद्र और राज्य सरकारों ने किसानों, पीएमजेडीवाई खाताधारकों और गरीबों के लिए विभिन्न राहत पैकेजों की घोषणा की हैं।लेकिन यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि भारत के बेहद दूरस्थ गांवों ,जिलों में जरूरतमंदों तक पैसा पहुंचे, व्यापार संवाददाताओं(बैंक मित्र या सखी) पर पड़ता हैं। व्यापार संवाददाता गैर शाखा स्थानों पर सेवाएं प्रदान करने के लिए बैंकों के साथ लगे खुदरा एजेंट हैं।उत्तराखंड क्षेत्र से आई बैंक सखी बीना जखमोला कहती हैं। मैं हर महीने 3 गांवों में करीब 600 वृद्धावस्था पेंशन और नरेगा का वितरण करती हूं। मैं सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक 1 घंटे के लंच ब्रेक के साथ काम शुरू करता हूं। अब मैं उनके घर जाकर महिला पीएमजेडीवाई खातों में जमा 500 रुपय