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परमात्मा की अंग-संग पहचान ही ज्ञान है: इन्द्रा नकोटी

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देहरादून-आत्मा का मूल निरंकार प्रभु है। एक दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है क्योंकि हर मानव के अन्दर एक ही मूल परमात्मा का अंश आत्मा निवास करती है और इस आत्मा के अंग-संग जो परमात्मा का दीदार करा दें वही पूर्ण सद्गुरु होता है। उक्त उद्गार सन्त निरंकारी मण्डल के तत्वाधान में आयोजित रविवारीय सत्संग कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चम्बा से पधारे ज्ञान प्रचारक बहन इन्द्रा नकोटी ने आयी हुई साध संगत को सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज का आर्शीवचन प्रदान करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सद्गुरु गुरुसिख के जीवन में निरंकार प्रभु पर विश्वास दृढ़ करता है जिससे इस आत्मा को जहां भी परमात्मा की आवाज सुनाई देती है व सकून महशूस करती है क्योंकि वहीं उसका मूल होता है। आत्मा किसी भी शरीर को स्वीकर करके अपने दिव्यबोध को हासिल करती है। सत्गुरु इसी कार्य को करते है। संसार में फैली अज्ञाता को ज्ञान की रोशनी प्रदान करती है। गुरुसिख सदा अपने सत्गुरु पर एतवार करके उसकी दीक्षा को जीवन में धारण करते है। सत्गुरु अपने गुरुसिख को भ्रम-भ्रांतियों से निकाल कर सहज एवं सरल सादगी का जीवन जीने का तरीका सिखाता है। उन्होंने आ...