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Showing posts from August 23, 2018

राज्यपाल कृष्ण कांत पाल को भावभीनी विदाई

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देहरादून- मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजभवन में राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल से भेंट कर उनका सफल कार्यकाल पूर्ण होने पर बधाई दी। राजभवन सचिवालय ने भी राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कांत पाल को भावभीनी विदाई दी। राजभवन सचिवालय द्वारा आयोजित विदाई कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव रविनाथ रामन, विधि परामर्शी आर.सी.खुल्बे सहित राजभवन में तैनात सभी अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।  राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कांत पाल से आज डी.जी.पी अनिल रतूडी,  प्रशासनिक अकादमी नैनीताल  ए.एस.नयाल, जी.बी.पी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.ए.के.मिश्रा, डाॅ0 हेम चन्द्र  नवनियुक्त कुलपति एच.एन.बी उत्तराखण्ड मेडिकल विश्वविद्यालय, प्रो.एच.एस.धामी कुलपति आवासीय विश्वविद्यालय, प्रो.पियूष कांत दीक्षित कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार ने मुलाकात कर उनके सफल कार्यकाल की बधाई दी।                              

प्रदेश में आए दिन हो रही बलात्कार की घटनाओं पर यूकेडी सख्त

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देहरादून- उत्तराखंड क्रांति दल ने गढ़वाल परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय में प्रदर्शन कर अपना 5 सूत्रीय ज्ञापन दिया,उत्तराखण्ड राज्य में कानून व्यवस्था सुचारू रूप से सुदृढ नही है। राज्य के ग्रामीण व शहरी आंचलों में अपराधीकरण ,बलात्कार,हत्याएं आये दिन घटित हो रही है।नाबालिक लड़कियों के साथ बलात्कार व उनकी हत्या एक के बाद एक घटनाओं से आम जनमानस व्यथित है, इस तरह से देवभूमि उत्तराखण्ड को कलंकित किया जा रहा है तथा यहां के सौहार्द्रपूर्ण माहौल को बिगाड़ा जा रहा है ।प्रदेश में बाहरी व्यक्तियों की घुसपैठ शहरी व ग्रामीण आंचलों में हो चुकी है । अपराधी किस्म के अवांछित तत्व मलिन बस्तियों, ग्रामीण क्षेत्र में अपनी शरणस्थली बना चुके है,राज्य की कानून व्यवस्था का यह हाल है कि एक के बाद एक घटना चाहे सतपुली, अगस्तमुनि,कोटद्वार,पौड़ी,रुड़की उत्तरकाशी की घटनाये निर्भय काण्ड से ज्यादा भयानक है। उत्तरकाशी में जिस तरह से एक दलित नाबालिक लड़की का बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी। यूकेडी के वरिष्ठ नेता  बीडी रतूड़ी ने  कहां की उत्तराखण्ड क्रान्ति दल ने राज्य बनाया तथा राज्यवासियों की चिंता भी करता

देखिए वीडियो कैसे एसडीआरएफ ने नदी में फंसी भैंस का रेस्क्यू...

 उत्तरकाशी- उत्तराखंड के केदारनाथ बद्रीनाथ  मैं 2013 को आई आपदा में एनडीआरएफ की  टीम ने जो कार्य किया था उस कार्य की सराहना करते हुए उत्तराखंड सरकार ने  एसडीआरएफ का गठन किया, टीम में पुलिस विभाग के जवानों को शामिल किया जाता है और लगभग वह 3 वर्ष  के लिए एसडीआरएफ में अपनी सेवाएं प्रदान करता है, एसडीआरएफ में आने के बाद  कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी  जवान  अपने कार्य को अंजाम देते हैं,  लगभग  5 वर्ष बीत चुके हैं एसडीआरएफ टीम के गठन को और  इन 5 वर्षों में  एसडीआरएफ की टीम ने अनगिनत कार्य किया होंगे  जहां  मानवीय राहत कार्यों को अंजाम दिया है वही  विषम से विषम परिस्थितियों में भी  कार्य किया है,  चाहे बाढ़ पीड़ित क्षेत्र हो या फिर ग्लेशियर में ट्रेकिंग दल के सदस्यों को खोजने का कार्य हो अपने हर कार्य को अंजाम तक पहुंचाने में माहिर हैं एसडीआरएफ की टीम यह बखूबी अपने कार्य को अंजाम  तक ले कर जाती हैं,  फिर चाहे  इंसानों की मदद  करनी हो  या फिर पशुओं को नदी नालों से निकालना हो अपने हर कार्य को वह बखूबी निभाती हैं,  आइए हम आपको दिखाते हैं  कैसे एसडीआरएफ की टीम ने नदी पर बने टापू में फंसी ह