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Showing posts from July 3, 2018

दून के बाद मुख्यमंत्री को धूमाकोट की महिला के क्रोध का सामना करना पड़ा

देहरादून  -अभी  जनता दरबार  में हुए विवाद  का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत का एक बार फिर हुआ जनाक्रोश से सामना, धुमाकोट हादसा स्थल पर मृतकों के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे सीएम को जब एक महिला बोली- "भागो वरना पत्थर मारकर भगाएंगे, फिर तुम्हें जो मर्जी करना है कर लेना। और दिन क्यों नहीं घूमते हो तुम लोग इधर, बस वोट बनाने के लिए आ जाते हो।

बारिश के कारण पुस्तक प्रेमियों को हुई निराशा

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हल्द्वानी- पुस्तक मेला 23 जून से 1जुलाई तक चले - पुस्तक मेले के अंतिम दिन पुस्तक प्रेमियों की काफी भीड़ रही| लेकिन दोपहर बाद से बारिश के कारण  लगभग सभी स्टॉलों में पानी भर गया जिसके बाद पूरे पुस्तक मेला में अव्यवस्था फैल गयी और बहुत से पाठकों को खाली हाथ ही वापस लौट जाना पड़ा जिससे पुस्तक प्रेमियों को काफी निराशा हुई हल्द्वानी शहर में पुस्तक मेले का यह पहला आयोजन था आयोजन स्थल की ठीक से जाँच-पड़ताल और समय (बारिश का मौसम) का सही चुनाव न करने के साथ ही बारिश से बचाव की कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण अंतिम दो दिन सुधी पाठकों और प्रकाशकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन कुल मिलाकर यह पुस्तक मेला हल्द्वानी और उसके आस-पास के इलाकों के पुस्तक प्रेमियों के लिए एक अच्छा आयोजन रहा इस तरह के आयोजनों की अगर निरंतरता बनती है तो यह युवा पीढ़ी के बीच पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने और एक बौद्धिक-साहित्यिक माहौल को बनाने में सार्थक भूमिका निभायेगा !

फील्ड कर्मचारियों की 15 सितम्बर तक छुट्टियों पर रोक

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देहरादून-सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने पत्रकारों को बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा में जाने वाले सभी यात्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं। हमारी कोशिश है कि किसी भी परिस्थिति में सूचना व संचार तंत्र बरकरार रहे। उत्तराखण्ड उन राज्यों में है, जहां आपदा प्रबंधन के लिए सर्वाधिक संख्या में सैटेलाईट फोन उपयोग किए जा रहे हैं। हमारे पास इस समय 74 सैटेलाईट फोन है, जो कि जिलाधिकारियों को उपलब्ध कराए गए हैं। दो हेलीकाप्टर की व्यवस्था की जा रही है। इनमें से एक हेलीकाप्टर गढ़वाल के लिए व 1 हेलीकाप्टर कुमायूं के लिए होगा। प्रदेश में विभिन्न मार्गों पर भूस्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए आवश्यक संख्या में जेसीबी, पाॅकलैंड मशीनें मैन पावर सहित तैनात की गई हैं। ताकि कहीं भी मार्ग बाधित होने पर तुरंत खोला जा सके। जेई, एई व इन जेसीबी मशीनों के ड्राईवरों के मोबाईल नम्बर जिला आपदा प्रबंधन केंद्रों व संबंधित तहसीलों में उपलब्ध करवाए गए हैं। बारिश को देखते हुए फील्ड कर्मचारियों की 15 सितम्बर तक छुट्टियों पर रोक है।प्रदेश में भारी बारिश को देखते