श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हुए
चमोली–विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 3 बजकर 21मिनट पर पूरे विधि विधान के साथ बंद हुऐ। 16 नवंबर से कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पंच पूजायें शुरु हुई।पंच पूजाओं में सर्वप्रथम 16 नवंबर श्री गणेश जी के कपाट बंद हुए।तत्पश्चात 17 नवंबर आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद हुए। 18 नवंबर खड्ग पुस्तक पूजन एव कल 19 नवंबर दिन में लक्ष्मी जी का आवह्वान हुआ था तथा मंगलवार को 3 बजकर 21 मिनट श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये। कपाट बंद होते समय रावल द्वारा भगवान बदरीविशाल को माणा गांव से अर्पित घृत कंबल ओढ़ाया जाता है, भगवान को शीत से बचाव हेतु सदियों से इस धार्मिक परंपरा का निर्वहन किया जाता रहा है। बुधवार को प्रात: आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी जोशीमठ, श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी की डोली पांडुकेश्वर प्रस्थान करेगी।बुधवार को योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर प्रवास के पश्चात गुरूवार को दोपहर को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी जबकि श्री उद्वव जी एवं श्री कुबेर जी की शीतकाल में पांडुकेश्वर में प्रवास करते हैं। इसी के स...