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Showing posts from November 9, 2018

टिहरी झील में होगे साहसिक खेल

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देहरादून–भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी ) द्वारा टिहरी झील के निकट साहसिक खेल संस्थान खोलने हेतु राज्य सरकार द्वारा भूमि आवंटन को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा उपमहानिरीक्षक  तथा प्रधानाचार्य पर्वतारोहण एवं स्कीइंग संस्थान आइटीबीपी औली गंभीर सिंह चौहान के मध्य  मुख्यमंत्री आवास पर विस्तृत चर्चा की गई।  उपमहानिरीक्षक तथा प्रधानाचार्य पर्वतारोहण एवं स्कीइंग संस्थान आइटीबीपी औली गंभीर सिंह चौहान ने कहा कि आइटीबीपी का उत्तराखंड से अटूट रिश्ता रहा है। आईटीबीपी साहसिक खेलों में अपना विशिष्ट स्थान बना चुका है। उन्होंने बताया कि पर्वतारोहण एवं स्कीइंग संस्थान आइटीबीपी, औली, जोशीमठ द्वारा पर्वतारोहण, स्कीइंग, राफ्टिंग एवं रॉक क्लाइंबिंग जैसे जोखिम भरे साहसिक खेलों में सुरक्षा व पुलिस बलों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गंभीर सिंह चौहान ने बताया की टिहरी झील के निकट साहसिक खेल संस्थान खोलने से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस साहसिक खेल संस्थान के माध्यम से आपदा के समय रेस्क्यू संबंधित कार्यों में स्थानीय प्रशासन को म

डाक विभाग के माध्यम से पैकेज्ड प्लास्टिक की घर वापसी

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देहरादून– उत्तराखंड सरकार जब उत्तराखंड के 18 वर्ष पूरे होने की खुशी मना रहा हैं तब कुछ  छात्रों के संगठन मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस (मैड) संस्था की ओर से अपने दो महीने लंबे चले घर वापसी अभियान के आखरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सर्व प्रथम गांधी पार्क में मैड संस्था द्वारा इकठ्ठे किये गए पैकेज्ड प्लास्टिक को गांधी पार्क के गेट पर अपने सभी शुभचिंतको एवं दून वासियों के समक्ष प्रदर्शित किया गया। मैड संस्था ने घर वापसी अभियान को हिमालय दिवस अर्थात 9 सितंबर को शुरू किया था और इसके जरिये देहरादून जिले में जिसमे ऋषिकेश एवं मसूरी शहर भी शामिल है उनमें जा जाकर नदियों और पहाड़ों से पैकेज्ड प्लास्टिक सामग्री इकठ्ठी करी थी।मैड संस्था का मानना है कि एक ओर प्रदूषण के लिए पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाया गया है और सिंगल यूज़ प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया लेकिन अभी भी घर वापसी की ज़रुरत इसलिए पडी है क्योंकि पैकेज्ड प्लास्टिक सामग्री के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है और बड़े उद्योग जो इससे सैकड़ों करोड़ों का मुनाफा प्रतिदिन कमाते हैं उनको इस पर विचार करने की ज़रुरत है कि प्लास्टि

राज्य के लिए शहीद हुए शहीदों को श्रद्धांजलि

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देहरादून-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कचहरी परिसर देहरादून पहुंचकर राज्य आंदोलनकारी शहीद स्मारक पर  राज्य के लिए शहीद हुए शहीदों को नमन करते हुए  श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड आज 18 वर्ष पूर्ण कर रहा है और किशोरावस्था से यौवन की ओर आगे बढ़ रहा है। राज्य निरंतर प्रगति करता रहेगा, ऐसा विश्वास है। इस अवसर पर हम उन नौजवानों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने राज्य के लिए अपना बलिदान दिया। हम सभी राज्य आंदोलनकारियों को जिन्होंने राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया, शुभकामनाएं देते हैं। आज हमारे सामने अनेक चुनौतियां हैं जिस तरह से उत्तराखंड में परिवर्तन आ रहे हैं। तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ रहा है।जिन इरादों, आकांक्षाओं के साथ हमारे नौजवानों, माताओं, बहनों, पत्रकार मित्रों,  अधिकारियों ने राज्य निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन किया, हम उन आकांक्षाओं की और आगे बढ़ रहे हैं। हमें पूरा विश्वास है कि हम उन आकांक्षाओ  को पूरा करने में सफल होंगे।  

केदारनाथ धाम के कपाट बंद हुए

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 केदारनाथ– श्री केदारनाथ धाम के कपाट 9 नवंबर प्रात: 8 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए  विधिविधानपूर्वक बंद हो गये। प्रात:काल 2 बजे  से समाधि पूजा की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी।जबकि श्री केदारनाथ भगवान के द्वारपाल भकुंड भैरवनाथ जी के कपाट 6 नवंबर को बंद हो गये थे।संपूर्ण केदारनाथ क्षेत्र बर्फ से ढ़का है,प्रातःकाल हल्की धूप लगी है।श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बी.डी.सिंह ने बताया कि इस यात्रा वर्ष 2018 में श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने  तक 732241 रिकार्ड तीर्थयात्रियों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किये।समिति  के कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी ने बताया कि  पश्चात आज 9 नवंबर को कपाट बंद होने के पश्चात सेना के जेकलाई रेजीमेंट के बेंड की धुनों के साथ समारोह पूर्वक भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली रात्रि विश्राम हेतु रामपुर हेतु रवाना हुई,10 नवंबर को  डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी रात्रि विश्राम करेगी। 11 नवंबर को डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में स्थापित हो जायेगी। इसी के साथ ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजायें शुरू हो जायेगी। क