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Showing posts from July 26, 2018

पीएमजीएसवाई में डीग्रेडेड फाॅरेस्ट भूमि का इस्तेमाल

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देहरादून-मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना  की सड़कों के लिए डीग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड चिन्हित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि भूमि प्रत्यावर्तन के लंबित मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण करें। पीएमजीएसवाई में डीग्रेडेड फाॅरेस्ट भूमि का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए इस कार्य के लिए सिविल या अन्य भूमि का चयन न किया जाय। जिस वन भूमि पर पेड़ों की कमी हो रही है, वहां पर वनीकरण का कार्य किया जाएगा। मुख्य सचिव सचिवालय में पीएमजीएसवाई के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के कार्य में तेजी लाई जाय। बैठक में बताया गया कि 453 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पीएमजीएसवाई के अंतर्गत किया जाना है। इसके लिए 700 हेक्टेयर डीग्रेडेड वन भूमि की जरूरत है। गढ़वाल मंडल में 31 और कुमाऊं मंडल में 23 सड़कें स्वीकृत हुई हैं। कुल 54 सड़कों के निर्माण के लिए प्रस्ताव ऑनलाइन अपलोड करने की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। बताया गया कि फारेस्ट क्लीयरेंस के लिए कुल 378 प्र

आम का आनंद लेने में मदमस्त बच्चे

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देहरादून-जुलाई माह के तीसरे हफ्ते में हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम की अतिक्रमण क्षेत्रों पर सक्रियता बनी इसी के चलते धर्मपुर में दुकानदारों द्वारा सरकारी भूमि पर किए गए कब्जे को खाली कराने के लिए नगर निगम कर्मचारी अतिक्रमण अभियान में कार्यरत है वही घर दीवार को तोड़ दी गई थी जिस जमीन की दीवार तोड़ी गई थी उसमें बड़े झाड़, घास, फूस आदि उगी हुई थी वही दो बच्चे इन सब घटना से दूर पेड़ से टपके आमों को खाने में व्यस्त थे उन्हें नहीं दिन दुनिया की खबर कि क्या हो रहा है।  वह तो बस आम का आनंद लेने में मदमस्त थे। बचपन की यही अठखेलियां सभी को खूब भाती है। और इन बच्चों के आगे टूट रहे दुकानों की इनको परवाह भी नहीं थी। यह तो बस आम का रस पीने में मदमस्त थे।

1968 में लापता वायुसेना के विमान के अवशेष

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हिमाचल-50 वर्ष पूर्व 1968 में  लापता वायुसेना  के विमान के अवशेष प्राप्त हुए । साथ ही एक क्षत विक्षत शव भी मिला।मॉंट्रियरिंग टीम में sdrf जवान , का0 राजेन्द्र नाथ भी सम्मलित रहें एक जुलाई 2018 को आई आई ऍम की पर्वतारोही टीम चन्द्रभागा -13 ( ऊँचाई -6264 मीटर) पर्वत शिखर पर आरोहण हेतु  उच्च हिमालय के  मडी , रोहतांग-पास , छतरु, कुंजुम, लाटोप ,चन्द्रा ताल , ढाका ग्लेशियर जेसे उच्च तुंगता युक्त क्षेत्रों से रवाना हुई रवाना हुई  थी। टीम का मुख्य उद्देश्य चन्द्रभागा शिखर आरोहण के साथ  स्वच्छ हिमालय अभियान में सम्मलित होना भी था। टीम के द्वारा सफल आरोहण के पश्चात बेस केम्प  को पालीथीन मुक्त करने के  दौरान  बर्फ में पड़े  एक विक्षित शव , और विमान के अवशेष पर पड़ी । दल को इस प्रकार विमान हादसे की जानकारी पूर्व से भी थी इसलिए यह समझने में देर नही लगी की यह वही लापता विमान है।1968 में एक वायु सेना के विमान ने 04  विमान कर्मी और 98 सैन्यकर्मी सहित कुल 102  लोगों ने चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरी थी। दल का कंट्रोल से आखरी सम्पर्क  रोहतांग दर्रे के करीब हुआ था। पर्वतारोही दल के द्वारा ए एन -12 विम

मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी

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देहरादून- मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कारगिल शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को नमन किया। शौर्य दिवस पर मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी शौर्य दिवस पर गांधी पार्क, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वीर जवानों की शहादत को सलाम करते हुए कहा कि जब भी देश को जरूरत हुई मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारे जवान अपना सर्वस्व अर्पण करने के लिए तैयार रहे हैं। सेना के जवानों के, शौर्य व पराक्रम से ही आज  हमारी सरहदें सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कारगिल का युद्ध विषम परिस्थितियों में लड़ा गया था। फिर भी हमारे जवानों ने सेना ने अप्रतिम साहस व बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए दुश्मनों को बाहर खदेड़ा। कारगिल के युद्ध में हमने अपने जवानों के रक्त के एक-एक कतरे का बदला दुश्मनों से लिया। कारगिल का युद्ध हमारी सेना के पराक्रम के लिए हमेशा जाना जाएगा। कारगिल की लड़ाई जब-जब याद की जाएगी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया जाएगा। उन्होंने उस समय राजनैतिक इच्छा शक्ति का परिचय दिया। कारगिल का युद्ध ऐसा युद्ध था जब हमने अपन