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Showing posts from November 18, 2020

द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट आज प्रात: बंद हुए

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 उखीमठ– 19 नवंबर द्वितीय केदार श्री  मद्महेश्वर जी के कपाट  आज बृहस्पतिवार 19 नवंबर 2020, (4 गते मार्गशीर्ष)  प्रात: 7 बजे  इस शीतकाल के लिए बंद हो गये हैं। ब्रह्ममुहुर्त में मंदिर खुल गया था उसके पश्चात भगवान मद्महेश्वर जी पूजा-अर्चना दर्शन हुए। तत्पश्चात पुजारी टी.गंगाधर लिंग ने स्यंभूशिवलिंग का समाधि पूजा शुरू की  उसके बाद शिवलिंग को समाधि दी गयी।बाबा मद्महेश्वर के जयकारों के बीच ठीक सात बजे प्रात: द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये। इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी- कर्मचारी, वेदपाठी- पुजारी व स्थानीय लोग एवं सीमित संख्या में श्रद्धालु जन भी मौजूद रहे। श्री मद्महेश्वर धाम में भी में मौसम सर्द है तथा बर्फ जमी हुई है।द्वितीय केदार श्री मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के पश्चात श्री मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली ने मंदिर की परिक्रमा की तथा प्रथम पड़ाव गौंडार गांव को प्रस्थान किया।  कार्यक्रमानुसार 20 नवंबर को मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली द्वितीय पड़ाव रांसी, 21 नवंबर को  तृतीय पड़ाव गिरिया तथा   22 नवंबर  को अपने गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीम

नन्ही दुनिया ने अपना 74 वां स्थापना दिवस मनाया

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देहरादून – नन्ही दुनिया बच्चों एवं उनके हितैषियों के अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन ने मदरहाउस इंदर रोड पर प्रतिबद्धता का 74 वां वर्ष मनाया। 1946 में स्थापित, नन्ही दुनिया अपने विभिन्न केंद्रों के माध्यम से  शिक्षा, कला और पर्यावरण के क्षेत्र में सेवारत है।यह बच्चों, माता-पिता, शिक्षकों और स्वयंसेवकों का एक बढ़ता समुदाय है जो एक-दूसरे के लिए सीखने के अवसर पैदा करते हैं। आंदोलन का उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास में मदद करके उन्हें रचनात्मक जीवन और अंतर-अनुशासनात्मक शिक्षा में भाग लेने के पर्याप्त अवसर प्रदान करना है। नन्ही दुनिया शैक्षिक चुनौतियों का सामना करने वाले बच्चों एवं के विशेष बच्चों को  दिशा दिखाने  में अग्रणी हैं। सूर्योदय के साक्षी बनने के लिए खलीला पहाड़ियों के पास औली रायपुर में नन्ही दुनिया समुदाय के सदस्यों के साथ उत्सव शुरू हुआ। सात दशकों से यह अनुष्ठान संस्थापक दिवस समारोह का एक हिस्सा रहा है, जहाँ बच्चे, शिक्षक, स्वयंसेवक और नन्ही दुनिया समुदाय के सदस्य एक साथ 'प्रभात फेरी' में भाग लेते हैं। इस वर्ष महामारी की स्थिति के कारण एक छोटे समूह ने आत्मीय यात्रा में भाग लिया।

एंटीबायोटिक के दुरुपयोग से शारीरिक नुकसान को लेकर....

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 ऋषिकेश –  अ​खिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स  में वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबेल एवरनैस वीक विधिवत शुरू हो गया। जिसके तहत लोगों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से एंटीबायोटिक के दुरुपयोग से होने वाले शारीरिक नुकसान को लेकर जागरुक किया जाएगा। सप्ताहव्यापी कार्यक्रम में एम्स के विभिन्न विभागों के फैकल्टी, चिकित्सक, नर्सिंग ऑफिसर्स व कर्मचारी प्रतिभाग कर रहे हैं।          गौरतलब है कि दुनिया में एंटीबायोटिक दवाओं के बढ़ते दुरुपयोग के मद्देनजर इसकी रोकथाम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से वर्ष 2015 से नवंबर माह में वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबेल एवरनैस प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइलेशन ने इसी साल से इसे (18 से 24 नवंबर) वीक के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है।     जिसके अंतर्गत एम्स ऋषिकेश में बुधवार को निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए सप्ताहव्यापी जनजागरुकता पर आधारित ऑनलाइन  प्रोग्राम का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक एवं सीईओ प्रो. रवि कांत ने बताया कि एंटीबायोटिक दवाओं के उचित उपयोग को समझन