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Showing posts from August 28, 2019

कैलाश मानसरोवर यात्रा में महिला सहित 941 श्रद्धालु ने पूर्ण यात्रा

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पिथौरागढ़ –श्री कैलाश मानसरोवर की अद्धभुत धार्मिक यात्रा पूर्ण  होने में अब कुछ ही दिन शेष है। 18 वें अंतिम जत्थे ने भी रविवार को प्रस्थान कर लिया था। 15 जत्थे ने अपनी यात्रा पूर्ण कर ली हैं। 03 दल अपनी यात्रा में हैं। नजंग से गूंजी तक लगभग 40 किमी की पैदल यात्रा अत्यंत दुर्गम एवम वीरान  स्थानों से गुजरती हैं।चौमास माह की भारी बारिश में यात्रा को ओर भी  दु:साध्य बना देती हैं। ऐसे हालातों में एस डी आर एफ टीम कैलाश मानसरोवर यात्रियों के साथ यात्रा पथ पर होती हैं।वर्ष 2019 कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान एस डी आर एफ की टीमों ने 22 रेस्कयू कार्यों को अंजाम देकर 245 यात्रियों की यात्रा को निष्कंटक एवम सकुशल पूर्ण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। सम्पूर्ण यात्रा में 18 दलों में कुल 201  महिला यात्री सहित 941 श्रद्धालु सम्मलित हैं। इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार आर्य के नेतृत्व में एस डी आर एफ की दो टीमें यात्रा मार्ग में तैनात रही।टीम के द्वारा अनेक स्थानों पर यात्रियों के चोटिल होने या घायल होने अथवा मार्ग पार करने की असमर्थता में अपनी पूरी सामर्थ्य एवम रेस्कयू कार्य कुशलता से अवरुद्ध स्थानो

देश में महिला उत्पीड़न के मामलों में उत्तराखण्ड 21वें नम्बर पर

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देहरादून–राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण विषय पर आयोजित कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर राज्य की विभिन्न  आई.ए.एस, आई.पी.एस, आई.एफ.एस  पी.सी.एस, सचिवालय सेवा, पुलिस एवं अन्य राज्य सेवा की महिला अधिकारी उपस्थित थीं। महिला अधिकारियों ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के समक्ष कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण के बारे में अपने विचार बड़ी बेबाकी से रखे।   राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि उच्च पदों पर आसीन सफल महिलाएं  समाज की अन्य महिलाओं के लिए रोल माॅडल हैं तथा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से उनके सशक्तीकरण में अपना योगदान दे रही हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण में शिक्षा की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये। महिला व बाल विकास की सभी योजनाओं की जानकारी दूरस्थ क्षेत्रों में भी प्रत्येक महिला को होनी चाहिये। शिक्षण संस्थानों में बच्चियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये ताकि उनकी पढ़ाई को हतोत्साहित न किया जा सके। स्कूलों में भी महिला सुरक्षा व अधिकारों से सम्बन्धित कार्यशालाओं