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Showing posts from February 23, 2019

अगर हो कोई परेशानी 1905 पर काॅल करें

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देहरादून–मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईटी पार्क, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून में सी.एम. हेल्पलाईन 1905 का शुभारम्भ किया। इस हेल्पलाईन नम्बर से जन समस्याओं का त्वरित समाधान किया जायेगा। शिकायतकर्ता 1905 पर काॅल कर, पोर्टल के माध्यम से अथवा मोबाईल एप द्वारा अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।  प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए यह काॅल सेंटर प्रतिदिन सुबह 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक उपलब्ध रहेगा। इस हेल्पलाईन नम्बर से राज्य सरकार के सभी विभागों से सम्पर्क किया जा सकता है तथा शासकीय योजनाओं की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। जन समस्याओं के समुचित समाधान के लिए इसके तहत ब्लाॅक स्तर से शासन स्तर तक के अधिकारी उत्तरदायी रहेंगे।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सीएम हेल्प लाईन से जन समस्याओं के समाधान में तेजी आयेगी। इससे विभागीय कार्यों में गति के साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी। जन समस्याओं का समाधान तेजी से होने के साथ ही शिकायतों व समस्याओं के समाधान के साथ ही उनका मूल्यांकन भी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्प लाईन की सुविधा होने से लोगों के समय व धन दोनों की बचत भी होगी। आने वाले समय में इसके

एसएफआई ने शहीदों के लिए राहत राशि जुटाई

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देहरादून,  स्टूडेंट्स   फेडरेशन  ऑफ   इंडिया   ने   जम्मू  और  कश्मीर   के   पुलवामा  में   हुए  आतंकवादी हमले में शहीद हुए  जवानों   के   परिजनों   के   लिए   डीएवी   कॉलेज   में  छात्र -  छात्रा ओं   ने   करनपुर   बाजार   में   रुपये  2834  राहत  राशि   जुटाई   तथा   छात्र -  छात्राओं   ने   आमजन   से  अपील   कि   वह   इस   शोर  शराबे   के   बीच   इस   आतंकी  हमले   को   साम्प्रदायिक   रूप   न   दे   कर   सैनिकों   से   जुड़े  अहम   मुद्दों,   पैरामिलिट्री   सैनिकों   को   शहीद   का   दर्जा  दिए   जाने   तथा  2004  के   बाद   देश   की   रक्षा   में   लगे  पैरामिलिट्री   फोर्स   के   जवानों   की   पुरानी   पेंशन   नीति   के  तहत   पेंशन   दी   जाने   जैसी   मांगों   पर   लामबंद   होने    तथा  इनकी   मांगों   पर  25  फरवरी   को   जिला  मुख्यालय  ( डी . एम )  कार्यालय   पर   प्रदर्शन   में   शामिल  होने   की   अपील   की   ।             एसएफआई   का   कहना   है   की   पुलवामा   में  हुए   आतंकी   हमला   सरकार   और   रक्षा   विभाग   की  नाकामी   को   दर्शाता   है   इतने   बड़े   हमले