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Showing posts from October 26, 2017

"उत्रैणी"पर्व भी उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण त्यौहार हैं मगर पर अवकाश नहीं

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देहरादून-"उत्रैणी"पर्व भी उत्तराखंडियौं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। 80% उत्तराखंडियौं का त्यौहार होने के बाबजूद इस त्यौहार पर अवकाश की घोषणा नहीं कर पाए इन सत्रह वर्षों में ।लगभग 5% बिहार के लोगों में सरकार ने ऐसा क्या देखा जो शासकीय अवकाश घोषित करना पड़ा ? उत्तराखंड के अधिकांश पर्व केवल उत्तराखंड में ही मनाया जाता हैं और किसी भी प्रदेश में नहीं मनाया जाता है अब राजनीति ने इस उत्तराखंड को वोट बैंक के लिए यहां पर सांस्कृतिक घुसपैठ भी शुरू कर दी हैं,अभी हाल ही में उत्तराखंड पौडी़ गढ़वाल जिले के दूर दराज क्षेत्र बैजरौं में  महिलाओं द्वारा करवा चौथ भी बडे धूम धाम से मनाया  जा रहा है अब उत्तराखंड की राजधानी के बाजार  करवा चौथ बिहार के छठपर्व मनाने के लिए सज गए हैं।    मुसलमानों की घुसपैठ उत्तराखंड में शुरू हो गई है आने वाले समय में उत्तराखंड की सरकार रोंहिग्या को खुश करने उनके त्यौहारौं के लिए भी इस प्रकार ही कुछ करें। उत्तराखंडियौं का अब केवल एक ही काम रह गया है वोट देकर सरकार बनाना। वह भी दिल्ली में बैठे आकाऔं की। जिन्होंने राज्य प्राप्ति के लिए अपने प्राणौं की आहुति दी आ

उत्तराखण्ड में लाॅन्च किया जाएगा मीज़ल्स रूबेला टीकाकरण अभियान

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देहरादून- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा टीकाकरण तकनीकी ईकाई के प्रमुख विकास साझेदारों के सहयोग से आज देहरादून में खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान पर पत्रकारों के साथ एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया।टीकाकरण के उपायुक्त डाॅ प्रदीप हल्दर ने बैठक की अध्यक्षता की। इस मौके पर शिरकत करने वाले अन्य दिग्गजों में शामिल थे डाॅ अर्चना श्रीवास्तव, डायरेक्टर, स्वास्थ्य, उत्तराखण्ड सरकार; नेशनल हेल्थ मिशन के मिशन डायरेक्टर  चंद्रेश कुमार, डाॅ भारती राणा, राज्य टीकाकरण अधिकारी, उत्तराखण्ड, जिन्होंने राज्य में लाॅन्च किए जाने वाले खसरा रूबेला अभियान का विवरण दिया। यह अभियान 13 ज़िलों के 28,35,658 बच्चों को कवर करेगा। भारत 2020 तक मीज़ल्स यानि खसरे के उन्मूलन तथा रूबेला काॅन्जेनाइटल रूबेला सिन्ड्रोम के नियन्त्रण हेतू प्रतिबद्ध है। दुनिया भर में अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान 9 महीने से लेकर 15 साल की उम्र तक के तकरीबन 41 करोड़ बच्चों को कवर करेगा। अभियान के दौरान बच्चों को मीज़ल्स रूबेला (एमआर) टीकाकरण की एक खुराक दी जाएगी। अभियान के बाद एमआर टीका नियमित टीकाक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते राज्यपाल

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देहरादून - जाॅलीग्रान्ट हवाई अड्डे पर राज्यपाल डाॅ.कृष्ण कान्त पाल एवं मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष  प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक  हरबंश कपूर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष  अजय भट्ट, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी  अनिल रतूड़ी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

संसदीय लोकतंत्र में संसदीय समितियों की महत्वपूर्ण भूमिकाः राज्यपाल डाॅ. के.के.पाल

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 देहरादून -राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने संसदीय समितियों के कार्य को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इन्हें गम्भीरता से लिया जाना चाहिए। संसदीय लोकतंत्र में संसदीय समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विधायकगण सदन के सत्र के समय विभिन्न विभागों से प्राप्त लिखित सामग्री व सूचनाओं का गहन अध्ययन करें। राज्यपाल, उत्तराखण्ड विधानसभा के सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। एक स्थानीय होटल में आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, विधानसभा उपाध्यक्ष  रघुनाथ सिंह चौहान, संसदीय कार्य मंत्री  प्रकाश पंत, नेता प्रतिपक्ष डाॅ. इंदिरा हृद्येश ने दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया। राज्यपाल ने कहा कि भारत में लिखित संविधान है। संसदीय परम्पराओं का भी महत्व है। जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप विभिन्न संस्थाओं व नियमों में सकारात्मक सुधार लाने के लिए संविधान संशोधन की व्यवस्था है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम में नवनिर्वाचित विधायकों को संसदीय नियमों व परम्पराओं की जानकारी

राज्य में पहली बार ‘‘इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स मीट’’ आयोजित- राज्यपाल

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देहरादून- दून विश्वविद्यालय में आयोजित प्रथम ‘‘इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स मीट’’ का शुभारम्भ करते हुऐ राज्यपाल डाॅ. के.के.पाल ने कहा कि शिक्षा व खेल एक दूसरे के पूरक हैं। चरित्र निर्माण में जितना महत्व शिक्षा का है उतना ही महत्व खेलों का भी है।राज्यपाल नेओलम्पियन मनीष रावत का उदाहरण देते हुए कहा कि खिलाड़ी भी युवाओ के लिए रोल माॅडल हैं। उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थितियां खिलाड़ियों के स्टेमिना को बढ़ाने में सहायक है। राज्य में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। इन्हें समुचित प्लेटफार्म उपलब्ध करवाए जाने की जरूरत है। 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली स्पोर्ट्स मीट के लिए  राज्य के विश्वविद्यालयों को क्वालिटी एजुकेशन, उच्च स्तरीय व मौलिक शोध व स्पोर्ट्स का सेंटर बनाने के लिए अनेक पहल की गई हैं। प्रयास किया जा रहा है कि विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के बहुमुखी व्यक्तित्व का विकास हो। राज्यपाल ने कहा कि अभी पहला आयोजन होने के कारण इस प्रतियोगिता में कम इवेंट्स शामिल की गई हैं। अगले वर्षों में इसमें और भी खेलों को शामिल किया जाएगा। राज्य में पहली बार ‘‘इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स मीट’