Posts

Showing posts from October 10, 2019

मां अनसूया देवी की देवरायात्रा केदारनाथ धाम पहुंची

Image
केदारनाथ–मां अनसूया देवी की देवरायात्रा का 8 अक्टूबर मंगलवार विजय दशमी को शुभारंभ हुआ। देवरायात्रा 45 वर्ष के अंतराल के बाद शुरू हुई।सर्व प्रथम माता अनसूया सिरोली गांव में प्रवास के बाद गुरुवार को गौरीकुंड पहुंची तथा मां गौरामाई से मिली। तत्पश्चात  बाबा केदारनाथ धाम पहुंची जहां श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष अशोक खत्री सहित अधिकारियों-कर्मचारियों ने माता अनुसूया की उत्सव डोली का स्वागत किया।केदारनाथ पहुंच कर माता सर्वप्रथम श्री केदारनाथ मंदिर में दर्शन हेतु पहुंची। और बाद में भैरवनाथ के दर्शन किये।माता अनुसूया ने भक्तों को आशीर्वाद दिया। आज माता केदारनाथ में प्रवास करेगी। इस अवसर पर कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी, लेखाकार आर.सी.तिवारी,  धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, मंदिर सुपरवाइजर यदुवीर पुष्पवान, स.लेखाकार प्रमोद बगवाड़ी, लोकेंद्र रिवाड़ी, प्रबंधक अरविंद शुक्ला,पारेश्वर त्रिवेदी,  मनोज शुक्ला,अभिषेक सेमवाल, सुदीप कुमार आदि मौजूद थे।  इस अवसर पर देवरा समिति अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट, आचार्य बलिराम तिवारी, दुर्गाप्रसाद सेमवाल, सचिन सेमवाल, अंकित सेमवाल, विनोद र...

शीतकाल के लिए बंद हुये हेमकुंड धाम के कपाट

Image
चमोली–शीतकाल के लिए बंद हुये हेमकुंड धाम और लक्ष्मण मंदिर के कपाट छः महिने चली सिखों के पावन धाम हेमकुंड के कपाट और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी शीतकाल के लिए आज बंद कर दिए गये है। दोपहर डेढ बजे पाठ कीर्तन के बाद पंच प्यारों ने  बाबा की पालकी को  गोविंद घाट स्थित गुरुद्वारे में के लिए प्रस्थान किया अब अगले 6 माह तक श्रद्धालुओं को गोविंदघाट स्थित गुरुद्वारे में दर्शन होंगे। कपाट बंद होने के बाद स्थानीय निवासी भी निचले स्थानों की ओर लौट आये हैं।इस साल श्रद्धालुओं को हेमकुण्ड यात्रा के दौरान रिकार्ड बर्फबारी से अटे पडे ग्लेशियरों के बीच से होकर गुजरना पडा। लेकिन आस्था के आगे सारी परेशानियों को भी झुकना पडा।यात्राकाल के दौरान इस  साल दो लाख 80 हजार के करीब श्रद्धालुओं ने हेमकुंड धाम पहुंच कर मत्था टेका जबकि कपाट बंद के अवसर पर लगभग तीन हजार श्रद्धालु उपस्थित रहे।गौरतलब है कि 1932 मे पंडित तारा सिंह नरोत्तम द्वारा हेमकुंड धाम की खोज की गयी थी। जिसके बाद 1933 से हेमकुंड यात्रा शुरू हुईं थी । 4329 मीटर पर सात पहाडियों के बीच स्थित सिखों के इस पावन धाम में हर साल लाखो...

पानी, पेड़ और प्राणवायु का सबसे अच्छा स्रोत है हिमालय

Image
ऋषिकेश – परमार्थ निकेतन में हिमालयी राज्यों ’’सामाजिक और आर्थिक रूपांतरण’’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव संजय सिंह, निदेशक पंचायती राज उत्तराखण्ड एच सी सेमवाल और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया।  दो दिवसीय कार्यशाला में प्रथम दिन तीन सत्र आयोजित किये गये। प्रथम तकनीकी सत्र में ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण के लिये जन योजना अभियान विषय पर चर्चा की जिसमें अतिरिक्त सचिव पंचायत राज मंत्रालय, भारत सरकार, संजय सिंह, से. नि. विशेष सचिव बाला प्रसाद, एसोसिऐट प्रोफेसर एनआईआरडीपीआर डाॅ ए. के. भंजा ने प्रतिभाग किया। आज के दूसरे तकनीकी सत्र में हिमालयी राज्यों में जन योजना अभियान के माध्यम से विस्तृत जीपीडीपी प्राप्त करना विषय पर चिंतन किया गया। इसमें से. नि. विशेष सचिव पंचायत राज मंत्रालय, भारत सरकार बाला प्रसाद, संयुक्त सचिव आलोक प्रेम नागर, एसआईआरडी हिमाचल प्रदेश डाॅ राजीव बंसल तथा जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश...