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Showing posts from February 12, 2019

भाजपा का यूके नें दस लाख घरों में झंडा लगाने का लक्ष्य

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देहरादून- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुबह अपने डिफेंस कालोनी स्थित आवास पर परिवार के लोगों के साथ पार्टी का झंडा और स्टीकर लगाकर मेरा परिवार-भाजपा का परिवार का प्रदेश में शुभारंभ किया। 2019 में फिर से केंद्र में प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की सरकार बनाने के लिए 400 से अधिक सीटों के साथ लाने के लिए भाजपा का यह महत्वकांक्षी राष्ट्र व्यापी कार्यक्रम है।इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह पार्टी को केंद्र में फिर से सत्ता में लाने के लिए काफी महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इससे पार्टी को पूरे देश में मजबूती मिलेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष  अमित शाह के नेतृत्व में और प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से पार्टी नए-नए कार्यक्रम दे रही है। इस कार्यक्रम के तहत पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता और समर्थकों के घरों पर पार्टी का ध्वज फहराया जाना है और स्टीकर लगाना है। पार्टी की कोशिश है कि प्रदेश के हर घर पर पार्टी का झंडा लहराए। झंडा और स्टीकर लगाकर हर कार्यकर्ता को उसकी सेल्फी लेकर पार्टी को भेजनी है। इस तरह के कार्यक्रमों  में पार्टी के हर कार्यकर्ता को समर्पित होकर भाग लेना है। आगा

छात्रों को कृमि के अलबेंडाझोल की दवाई खिलाई

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टिहरी: राजकीय इण्टर कॉलेज मरोड़ा (सकलाना) के 250 छात्र छात्राओं को कृमि की दवाई खिलाई गई तथा जन जन से 1 से 19 साल के बच्चों व बालिक को अलबेंडाझोल की गोलियां खिलाने के लिए जागरूक व प्रेरित किया गया। वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहाकि बच्चों में कृमि बीमारी के लक्षण अधिक मिल रहे हैं जो बहुत दुःखत हैं इसका सावधानी ही बचाव हैं। कृमि बीमारी में भूख न लगना, बुखार आना, शरीर का पीला पड़ना, पेट दर्द होना, चक्कर आना, थकावट महसूस होना, दिल में धक धक होना, यदाकदा दस्त लगना, कुपोषण व खून की कमी ये कृमि के लक्षण हो सकते हैं जिनसे बचने के लिए गंदा पानी, बासी खाना न खाना तथा स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना होगा। कृमि बीमारी से छुटकारा रैलियों, सभाओं व जन जन को जागरूक करके किया जा सकता हैं  जिसके लिए समय समय पर छात्र छात्राओं के माध्यम से गांव के लोगों को कृमि बीमारी से बचने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाकर जागरूक व प्रेरित किया जाता हैं इसी के तहत आज हमारे विद्यालय के छात्रों को कृमि के अलबेंडाझोल की दवाई खिलाई गई ताकि पेट में पनपने वाले कीड़ो से उत्तराखंड का हर गांव मुक्त हो सके। प्रधानाचार्य बी