Posts

Showing posts from December 1, 2017

पर्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण व संचय आदि पहलों को प्रभावीरूप से लागू किया

Image
देहरादून- मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित उद्यान का विस्तृत निरीक्षण किया  मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री आवास स्थित उद्यान में वृक्षों की लेबलिंग की जाय, वृक्षों के नाम, उनकों कब लगाया गया, वृक्ष की आयु, उनका प्रचलित व बायोलाॅजिकल नाम तथा उनके औषधीय व अन्य उपयोगी गुण आदि सभी जानकारी उसमें प्रदर्शित हो। प्रत्येक वृक्ष का जीवन-परिचय व इतिहास की जानकारी उस वृक्ष पर लगी परिचय पटिका मिल जानी चाहिए। उन्होंने उद्यान में और अधिक सगन्ध व अन्य औषधीय पौधे लगाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि बाग को ओर अधिक विकसित किया जाय तथा इसके सौन्द्रीयकरण पर विशेष ध्यान दिया जाय। इसे एक आदर्श उद्यान के रूप में विकसित किया जाय। पौधों में अपनी विशेष रूचि के अनुरूप मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने उद्यान में कार्यरत कर्मियो से वहां के वृक्षों व पौधों की विस्तार से जानकारी प्राप्त की तथा पौधों को और अधिक विकसित करने हेतु अपनी जानकारी को साझा किया। उन्होंने पौधो के समुचित विकास हेतु सुझाव भी दिये। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास में वाटर हारर्वेस्टिंग सिस्ट

भांग के रेशे, लैमनग्रास के जरिए बंजर भूमि को आबाद कर सकते हैं-मुख्यमंत्री

Image
पौडी-पहाड़ में अब सगंध फार्मिंग के माध्यम से बंजर पड़े खेतों का पुनरुद्धार कर लोगों की आर्थिकी बढ़ाई जाएगी।  चुन्डई पीड़ा, जयहरीखाल में ’’सगन्ध फार्मिंग द्वारा खाली पडे खेतो का पुनरूद्वार’’ संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आसवन संयत्र का भी उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र ने कहा कि खाल ग्राम पीड़ा में बंजर पड़े खेतों में लेमन ग्रास के साथ ही सगंध पादपों की खेती  कर कास्तकार अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कलस्टर बेस खेती पर जोर देने के साथ ही कृषि संबंधी पढ़ाई व अनुसंधानों पर ध्यान देने को कहा। इसके अलावा भांग के रेशे का उत्पादन, वर्षा के पानी का संग्रहण हेतु चालखाल बनाये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पीड़ा ग्राम में बहने वाले गधेरे का पानी रोककर झील निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र को पर्यटन सर्किट के रूप में संवारने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि लोग अपने गांव घरों को न छोड़े, अपने पुराने घरों का जीर्णोद्धार कर पर्यटकों के माकूल बनाएं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि  उत्तराखण्ड में खेती