होली आनन्द, उल्लास, उमंग और उत्साह का पावन पर्व- सरस्वती
ऋषिकेश– परमार्थ निकेतन में होली के पावन पर्व पर देशी विदेशी सेवकों एवं भक्तों ने गंगा तट, स्वर्गाश्रम क्षेत्र एवं राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया। तत्पश्चात परमार्थ निकेतन स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने सभी श्रद्धालुओं को जैविक रंगों का तिलक कर आशीर्वाद दिया। सभी श्रद्धालुओं ने संतों के संग मनायी होली। देशी-विदेशी भक्तों को सबसे अधिक आनन्द आया, गंगाजी में सभी ने मिल कर स्नान किया। एक अद्भुत दृश्य और अनुभव था सभी के लिये।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने देश वासियोें से आह्वान किया कि नशामुक्त होली मनायें तथा जातपात से मुक्त समाज बनाने में सहयोग प्रदान करें। होली के रंग यही संदेश देते है कि भेदभाव, जातिपाति, ऊँच-नीच, जातिवाद, नक्सलवाद, सम्प्रदायवाद, भेदभाव, भष्ट्राचार की दीवारों को तोड़ते हुये सभी देश प्रेम के रंगों में रंग जाये। रंग खेलते समय हम सब भूल जाते हैं, सारे मदभेद भूल जाते है, ऊँच-नीच और छोटे -बड़े का बन्धन तथा तोड़ देते है सारी नफरत की दीवारों को। ऐसे ही जीवन के रंग मंच पर भी हम सभी भेदभावों को भुलाकर एक ऐसे समाज का निर्माण करें जिसमें समरसता हो, सद्भाव ...