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Showing posts from December 13, 2019

सर्राफा लूट काण्ड में लूटी गयी ज्वैलरी के साथ दिल्ली से तीन गिरफ्तार

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देहरादून – करण शिवपुरी तथा सोनू यादव यह दोनों अभियुक्त शातिर किस्म के अपराधी हैं। इन दोनों पर पुलिस मुख्यालय द्वारा पूर्व में 10000 रूपये ईनाम घोषित किया गया था।साथ ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये 01 लाख रूपये ईनाम घोषित करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के द्वारा अनुशंसा पत्र पुलिस मुख्यालय प्रेषित किया गया था। जो प्रक्रियाधीन है।पुलिस को मुखबिर के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि अभियुक्त करण शिवपुरी तथा सोनू यादव अपने एक अन्य साथी सतीश के साथ पहाड़गंज इलाके में आये हैं तथा देहरादून में हुई लूट की घटना में प्राप्त ज्वैलरी को बेचने की फिराक में हैं। उक्त सूचना पर पुलिस टीम द्वारा तत्काल मौके पर पहुंचकर पहाड़गंज क्षेत्र से तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया, जिनके निशानदेही पर घटना में लूटी गई ज्वैलरी बरामद की गई।इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस को अथक प्रयासों के बाद सफलता प्राप्त हुई। पकड़े गए लोगों के नाम इस प्रकार से हैं करण शिवपुरी पुत्र राकेश शिवपुरी, निवासी ग्रामः  मानपुर पो0ः कलाल घाटी,कोटद्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल। सोनू यादव पुत्र सुरेश यादव, निवासीः एल-270 गली नं0-9, महिपालपुर थ

दून हाट में मिलेंगे उत्तराखण्ड के हस्तशिल्प उत्पादों

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देहरादून–मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईटी पार्क सहस्त्रधारा में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा स्थानीय उत्पादों के साथ-साथ हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन प्रोत्साहन हेतु दून हाट का शुभारम्भ किया, उन्होंने कहा कि नाबार्ड के सहयोग से निर्मित दून हाट दिल्ली हाट की तर्ज पर एक ऐसे स्थान के रूप में विकसित होगा जहाँ देश-विदेश के पर्यटकों को राज्य के स्थानीय उत्पादों के साथ-साथ संस्कृति, कला एवं विशिष्टताओं से परिचित होने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि दून हाट की स्थापना से राज्य की परंपरागत विधा को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। दून हाट प्रदेश में संस्कृति ग्राम की परिकल्पना को साकार करने में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटक उत्तराखण्ड की खासियत तथा उत्पादों के बारे में सवाल करते हैं, इस हाट की स्थापना से उन्हें स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता एक ही स्थान पर हो सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अन्य और स्थानों पर हाट की स्थापना से हमारे परंपरागत शिल्प एवं उत्पादों को बेहतर साधन एवं स्थान उपलब्ध होने के साथ ही हमारे शिल्पियों को भी