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Showing posts from September 19, 2019

थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने शिव और विष्णु की कि आराधना

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चमोली– थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत अपनी पत्नी सहित पहले केदारनाथ में  शिव शंकर की आराधना की उसके बाद बदरीनाथ धाम पहुंचे  वहां पर विष्णु की आराधना की । थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत प्रात: 9 बजे श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचे।मंदिर समिति मुख्यकार्याधिकारी एवं धर्माधिकारी सहित सेना एवं पुलिस -प्रशासन ने थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत का स्वागत किया‌।बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि थल सेनाध्यक्ष ने 15 मिनट तक  मंदिर में पूजा अर्चना की  उनके साथ उनकी धर्मपत्नी भी पूजा में शामिल थी।उन्होंने वैदिक राष्ट्रीय वंदना की।जगत कल्याण  एवं राष्ट्रीय सुरक्षा की कामना की। मंदिर में दर्शन के पश्चात थल सेना प्रमुख  रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी से मिले। इस अवसर पर रावल ने उन्हें भगवान बदरीविशाल का प्रसाद भेंट किया।थल सेना प्रमुख के श्री बदरीनाथ पहुंचने पर  सेना एवं पुलिस प्रशासन ने उनकी आगवानी की। मंदिर परिसर में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी बी.डी.सिंह ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर मंदिर समिति की सदस्य चंद्रकला ध्यानी भी मौजूद रही...

सोनार सिस्टम से नदी के नीचे नाव की दिशा व स्थिति का पता चला

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आंध्रप्रदेश- गोदावरी नदी में चल रहे एस डी आर एफ उत्तराखंड के सयुंक्त अभियान में टीम द्वारा घटना स्थल पर अपने साथ लाये गए अत्याधुनिक उपकरण सोनार सिस्टम के माध्य्म से गोदावरी नदी में डूबी हुई नाव व व्यक्तियों के शवों के खोजबीन का कार्य लगातार किया जा रहा हैं। नदी के तेज बहाव व उस स्थान पर बनने वाले strong भंवरों (whirlpools) के कारण खोजबीन के कार्य में काफी दिक्कतें उत्पन्न हो रही थी। पर अपने अथक प्रयास के पश्चात सोनार सिस्टम के माध्य्म से प्राप्त नदी के नीचे नाव की छवि, दिशा व स्थिति का पता लगाया। इस बारे में वहाँ पर उपस्थित उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गयी। उनके द्वारा भी नाव की छवि की पहचान की गयी। उनके द्वारा नाव चलाने वालों से भी इस के बारे में पूछा गया तो उनके द्वारा भी नाव होना बताया गया।वर्तमान समय में गोदावरी नदी की गहराई करीब 200 फ़ीट है। गोदावरी नदी में डूबी हुई नाव को experts द्वारा एंकर कर के उसको हिलाने या खींचने की कोशिश की जा रही है जिससे नाव में फंसे पर्यटकों के शव बाहर आ सके।