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Showing posts from November 3, 2017

पुस्तक “मुझको बचा ले माँ “ का विमोचन करते- हरिद्वार सांसद

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 देहरादून -  प्रेस क्लब में रचनाकार अंजलि केंतुरा की पुस्तक  “मुझको बचा ले माँ “ के विमोचन में सांसद हरिद्वार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक व वरिष्ठ आन्दोलनकारी सुशीला बलूनी, बीजेपी महानगरअघ्यक्ष उमेश अग्रवाल व गायिका सोनिया आनन्द रावत ने पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर डॉ निशंक ने अंजली केंतुरा को बधाई देते हुए कहा कि अंजली केंतुरा ने गृहणी होते हुए समाज में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम को आगे बढ़ाते हुए इतनी सुन्दर कविताओं का जो सृजन किया वो काबिले तारीफ हैं। अंजलि केंतुरा की काव्य रचना में से कुछ कविताओं को पढकर भी उन्होंने सुनाया और कहा की इस समय बेटियों को बचाने और पढ़ाने की समाज में बहुत जरुरत हे .गायिका सोनिया आनन्द रावत ने अपनी सुमधुर आवाज से बेटियो के ऊपर उन्हें बचाने व पढ़ाने को लेकर सुन्दर से स्वरचित गानों की प्रस्तुतिय भी दी.वरिष्ठ आन्दोलनकारीसुशीला बलूनी ने भी पहाड़ में महिलाओ की स्थिति को सुधरने पर जोर देते हुए कहा की  आज समाज में महिलाओं को सहयोग की जरुरत हैं। सांसद सूचना प्रतिनिधि आशुतोष ममगाईं ,बीजेपी नेता जगदीश भद्री, रूपेंद्र बिष्ट , पार्षद आलोक कुमार ,सतीश कश्यप ,शोकीन अंसा

ऋषिकेश में महा योग ध्यान कुम्भ का शुभारम्भ

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ऋषिकेश-पिरामिड स्प्रिचुअल सोसाइटी मूवमेंट और स्वामीनारायण आश्रम के सौजन्य से मुनि की रेती ऋषिकेश में आयोजित महा योग ध्यान कुम्भ का शुभारम्भ उत्तराखण्ड विधान सभा अध्यक्ष  प्रेम चन्द अग्रवाल  द्वारा किया गया। इस अवसर पर पिरामिड स्प्रिचुअल सोसाइटी मूवमेंट के संस्थापक ब्रहमऋषि पात्री और स्वामी नारायण आश्रम के प्रमुख विष्णु प्रकाश दास द्वारा कार्यक्रम का विधिवत रूप से आगाज किया गया।स्वामीनारायण आश्रम में दो नवंबर से तीर्थनगरी ऋषिकेश में शुरू हो रहे चार दिवसीय महा योग ध्यान कुंभ के माध्यम से लोगों को ध्यान, पिरामिड ऊर्जा, शाकाहार के बारे में जागरूक किया जा रहा है एवं इसको अपनाने के लिए सरल तरीके बताए जा रहे है इस क्षेत्र के निष्णात व्यक्तित्वों का सानिध्य के साथ-साथ म्यूजिक मेडिटेशन के कार्यक्रम भी प्रस्तुत होंगे।इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि महा योग ध्यान कुम्भ में दुनिया भर से जागृत परास्नातक विभिन्न कार्यशालाओं और ध्यान के माध्यम से अपनी वास्तविक ज्ञान साझा करने आ रहे हैं हमें इसका लाभ अवश्य ही होगा। उन्होंने कहा कि किस प्रकार दिमाग में विचारों का मकड़जाल ऊर्जा के स्तर

उत्तराखंड का एक और लाल सीमा पर शहीद हुआ

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देहरादून -मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा सेक्टर में तैनात कर्णप्रयाग निवासी भारतीय सेना के जवान शहीद सूरज सिंह तोपाल की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुख की इस घडी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए उत्तराखंड का एक और लाल सीमा पर शहीद हुआ है। उत्तराखण्ड के सपूत शहीद सूरज सिंह तोपाल की शहादत को कोटि-कोटि नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी संवेदनाएं शहीद के परिजनों के साथ है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि सरकार शहीद के परिजनों को हर संभव मदद देगी।

उत्तराखण्ड पुकार रहा है-मुख्यमंत्री

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नई दिल्ली-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य अपनी स्थापना के 17 वर्ष पूर्ण कर चुका है। 18 वर्ष की अवस्था युवावस्था होती है। यही समय होता है जब व्यक्ति अपने जीवन लक्ष्यों को मजबूती से स्थापित करते हुए उन्हे प्राप्त करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाता है। पिछले 17 वर्षों में उत्तराखण्ड ने बहुत कुछ हासिल किया है परन्तु मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जन संवाद और जन भागीदारी को प्रोत्साहन देकर नीति निर्माण में सभी का योगदान चाहती है। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों से संवाद शुरू किया है उनकी भावना, सोच को, उनकी अपेक्षाओं को जानने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना समारोह की श्रृंखला में भी सरकार का उद्देश्य जन भागीदारी जन संवाद को प्रोत्साहन देना है। इसी कड़ी में ‘‘रैबार‘‘ कार्यक्रम किया जा रहा है। ‘‘रैबार‘‘ कार्यक्रम में उत्तराखण्ड मूल के विशिष्

सूरज कोठियाल की पुस्तक “द लॉस्ट देवता” का विमोचन

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देहरादून - युवा लेखक सूरज प्रकाश कोठियाल द्वारा लिखी गयी पहली पुस्तक “द लॉस्ट देवता” का उत्तरांचल प्रेस क्लब में  सांसद हरिद्वार एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’  व राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी सोनी आनंद रावत ने विमोचन किया। सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’  ने युवा लेखक को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवों की भूमि है और इस देवों की भूमि का इतिहास हर युवा पीढ़ी को पता होना चाहिए। निशंक  ने कहा कि उत्तराखण्ड के ऐसे युवा लेखकों को आगे आना चाहिए। युवा लेखक सूरज प्रकाश कोठियाल ने बताया कि पुस्तक की कहानी हिमालय के सात देवीय ढोल के चारों ओर घूमती है जो प्रधान पुजारी, नीलात्मा की अचानक मृत्यु के साथ बजना बंद हो गया है। लेकिन उनकी मृत्यु से कुछ समय पहले नीलात्मा ने भैरव देवता के ढोल के कार्यवाहक राको अमेय को जादुई पत्थर का रहस्य बताया। हालांकि नीलात्मा के अंतिम संस्कार के समय पर राको अमेय ने नीर नामक एक युवा लड़के के पास वैसा ही पत्थर देखा जो नीलात्मा ने उसे बताया था। कहानी इस युवा लड़के पर आधारित है जो एक जादुई पत्थर में आती है और हिमालय के मुख्य पुजारी नील