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Showing posts from March 26, 2018

कार दुर्घटनाग्रस्त एक की मृत दो घायल

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कर्णप्रयाग - स्थानीय लोगों द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि गोचर कर्णप्रयाग मार्ग जटवापीपल नामक स्थान पर NH58  पर एक वाहन आल्टो  K10 UK 07ax 1488  दुर्घटनाग्रस्त हो कर लगभग 150 से 250 मीटर गहरी खाई में गिर गई है सूचना प्राप्त होने पर एसटीएफ की टीम इंस्पेक्टर विकास पुंडीर के हमराह रेस्क्यू उपकरणों के सहित गोचर से घटनास्थल को रवाना हुई घटनास्थल पर खाई पर उतरने पर पाया कि Alto कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है जिसमें एक व्यक्ति मृत एवं एक घायल है घायल को तत्काल प्राथमिक उपचार देकर सुरक्षित सड़क मार्ग पर पहुंचाया गया गया।  एव हॉस्पिटल हेतु रवाना किया , साथ ही शव को  सिविल पुलिस के सुपर्द किया गया ।  दुर्घटनाग्रस्त Alto कार से 1 व्यक्ति  घायल अवस्था में स्वयं ही सड़क मार्ग पर पहुंच गया था जिससे वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना की जानकारी प्राप्त हुई थी परंतु दुर्घटना के कारण मानसिक स्थिति सही न होने से  सटीक जानकारी ,घटना का कारण, वाहन की जानकारी एवं मृतक और घायलों की जानकारी प्राप्त नहीं हो पा रही थी घायलों का विवरण निम्न प्रकार है --धीरज थपलियाल सन ऑफ  प्रेम थपलियाल उम्र 28 वर्ष निवासी

वैश्य विवाह योग्य युवक युवतियों का परिचय सम्मेलन

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देहरादून-दून क्लब  के सभागार में भारतीय वैश्य महासंघ द्वारा आगामी 27 मई दिन  को होने जा रहे चतुर्थ विवाह योग्य युवक युवतियों के परिचय सम्मेलन के संबंध में प्रेस वार्ता में  महानगर अध्यक्ष विनोद गोयल ने सभी उपस्थित पत्रकारों को बताया की देहरादून में वैश्य विवाह योग्य युवक युवतियों का परिचय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जिसमें संपूर्ण भारत से वैश्य विवाह योग्य युवक युवती योग्य जीवन साथी का चुनाव कर सकेंगे । उन्होंने बताया की वैश्य समाज जिसमें लगभग 450 उपजातियां (जैसे अग्रवाल, महावर, जैन, खंडेलवाल, वार्ष्णेय ,रस्तोगी राजवंशी इत्यादि) सम्मिलित हैं सभी भाग ले सकते हैं।संस्था के प्रदेश अध्यक्ष विनय गोयल ने अवगत कराया की आज की आधुनिक जीवनशैली में वैश्य समाज के युवक युवतियों के लिए योग्य जीवनसाथी का चुनाव एक समस्या का रुप ले रहा है पूर्व में माता पिता ,परिवार के रिश्तेदारों अथवा सामाजिक प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा आपसी सहमति से विवाह योग्य युवक युवतियों का विवाह संपन्न करवा दिया जाता था ।जिसमें संपूर्ण भारत के साथ विशेषतया उत्तर भारत के लगभग 600 वैश्य विवाह योग्य युवक युवतियों ने भाग लिया और

यूकेडी का इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा के समक्ष उपवास

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देहरादून-उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने प्रदेश सरकार  में आने के बाद गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित किए जाने के चुनाव पूर्व किए गए वादे की याद दिलाने एवं 20 मार्च को राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने भराड़ीसैंण विधानसभा पहुंच रहे  यू के डी के हजारों कार्यकर्ताओं को बलपूर्वक रोकने एवं महिलाओं तथा बुजुर्गों को सरकार के इशारे पर पुलिस कर्मियों द्वारा लाठीचार्ज एवं बदसलूकी किए जाने के विरोध में घंटाघर स्थित इंद्रमणि बडोनी  की प्रतिमा के समक्ष एक दिवसीय उपवास किया। इस अवसर पर कांग्रेस व भाजपा पर हमला बोलते हुए  दिवाकर भट्ट ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टियां कभी भी गैरसैंण को राजधानी बनाने के पक्ष में नहीं रही हैं और भविष्य में भी राजधानी के मसले पर इनकी मंशा केवल जनता को गुमराह करके गैरसैंण के नाम पर राजनीति करने की है।पिछले 17 वर्षों से दोनों ही पार्टियों ने उत्तराखंड की राजधानी को एक अबूझ पहेली बना के रख दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल गैरसैंण राजधानी के मुद्दे पर जनता का विश्वास हासिल करने की ओर तेजी से अग्

गूगल ने चिपको आंदोलन की 45वीं जयंती पर .....

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देहरादून-इस प्रदेश का दुर्भाग्य है कि जिस आंदोलन की जननी गौरा देवी रही उसको आज भी किसी राजनीतिक दल ने नमन तक नहीं किया वही गूगल ने बनाया चिपको को डूडल और उनका फोटो लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी क्योंकि गौरा देवी  प्राकृतिक प्रेम और पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन शुरू करके ठेकेदारों के नाक में दम कर दिया था ,लेकिन इस प्रदेश का दुर्भाग्य हैं कि जिस आंदोलन की जननी गोरा देवी ने प्राकृतिक और पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ों को बचाने के लिए कुछ ग्रामीण महिलाओं को लेकर चिपको आंदोलन शुरू किया, इसका उदाहरण है  चमोली जिले के रैंणी गांव की महिलाओं ने गौरा देवी के नेतृत्व में पेड़ काट रहे ठेकेदारों को बिना पेड़ काटे वहां से जाने का मजबूर कर दिया और वे समूह में पेड़ों से लिपट गईं। प्रकृति तथा पर्यावरण के प्रति इस समर्पण को बाद में चिपको आंदोलन नाम दिया गया,  चिपको आंदोलन इसके बाद पूरे विश्व में फैल गया। इसी वजह से उत्तराखंड के इस आंदोलन के बहाने इस भूमि का पूरा विश्व नमन करता है। गूगल ने भी अपने डूडल में चिपको आंदोलन के 45वीं जयंती के रूप में समर्पित किया है। तथा और उ