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Showing posts from June 1, 2019

हेमकुण्ड साहिब जी के कपाट गुरुवाणी के साथ श्रद्धालुओं के लिये खोले दिये

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 चमोली -उत्तराखंड के पांचें  धाम हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के अवसर पर  कल गोविंदगढ़ गुरुद्वारे से लगभग 8000 हजार श्रद्धालु हेमकुंड साहिब की यात्रा पर निकले जो रात्रि विश्राम घांघरिया में करने के बाद सुबह सुबह हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के अवसर पर गुरुद्वारे में मत्था टेकने के लिए पहुंचे है। श्री हेमकुण्ड साहिब  के कपाट सुबह 10:25 बजे गुरुअरदास,शबद,कीर्तन एवं गुरुवाणी के साथ श्रद्धालुओं के लिये खोले दिये गये हैं।श्री हेमकुण्ड साहिब जी के कपाट खुलने के अवसर पर गुरुद्वारा कमेटी आपकी सफल,सुखद,सुरक्षित यात्रा के लिये तत्पर व प्रतिबद्ध है। साथ ही चारधाम यात्रा हेतु पधारे सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत करती है। जनपद पुलिस द्वारा श्री हेमकुंड साहिब आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है। साथ ही श्री हेमकुन्ड साहिब मार्ग के मुख्य पड़ाव भ्युन्डार एवं घाघरिया में एस डी.आर.एफ़ तैनात की गई है।चारधाम यात्रा में पैदल यात्रियों हेतु आवश्यक सुरक्षा  सुझाव भी पुलिस ने दिये हैं। जैसे पैदल आने-जाने वाले सभी यात्री कृपया मौसम सम्बन्धी अग्रिम जानकारी के अनुसार ही दिन में

लोकगायक गोपाल मठपाल व आशा नेगी ने बांधा समां

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 अल्मोड़ा– द्वाराहाट के बग्वाली पोखर स्थित ग्रामसभा डोटलगांव में    ’ सांस्कृतिक महोत्सव  2019’   का सफल आयोजन किया गया। महोत्सव में सुर  संध्या  में  रामगंगा सांस्कृतिक कला केंद्र ,   दिल्ली   और स्थानीय कलाकारों द्वारा लोकगीत एवं हास्य नृत्य की विहंगम प्रस्तुति दी गई। यह महोत्सव आगामी  5  जून विश्व पर्यावरण दिवस पर केन्द्रित था। सांस्कृतिक महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक महेश नेगी ने के सिरकत की तथा दीप प्रज्ज्वलित कर सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रमों की शुरूआत हुई। सर्वप्रथम कार्यक्रममें डोटलगांव के उन बुजुर्गों को श्रृद्धांजलि दी गई जो अब इस दुनिया में नहीं हैं पर उनकी बदौलत गांव की एक संस्था   ’ डोटलगांव सेवा समिति ,   दिल्ली में   फल फूल रही है ,   जिसे उन्होंने अपने कठिन परिश्रम से बनाया था। तत्पश्चात राष्ट्रगान ,   फिर सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सर्वप्रथम गांव के ही लोकगायक प्रताप शाही  ’ टाईगर ’  के  द्वारा अपना मशहूर गाना  ’ हौसिया घुरूण हैगो ’   गाया ,   जिसे काफी सराहा गया। इसके बाद गांव के ही बच्चों द्वारा अपनी प्रस्तुतियां दी गई। संध्य