विचारधारा की लड़ाई है -मीरा कुमार
अनिल रावत की कलम से --देहरादून में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि यह विचारधारा की लड़ाई है और इस समय क्यों इतनी प्रसांगिक हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षो से हम देख रहे हैं कि जिन मूल्यों और सिद्धांतों को लेकर हम चलते रहे थे उनको दरकिनार किया जा रहा है। हमारा ये सौभाग्य है कि हमारा जन्म ऐसे देश में हुआ है जहां आठ प्रमुख धर्म है, कितने संप्रदाय हैं, कितने मत है और ये सभी यहां की खूबसूरती है। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों का दिल इतना बड़ा है की न वो सिर्फ अपने धर्म की इज्जत करते हैं बल्कि आगे बढ़ चढ़ कर दूसरे धर्मों की भी उतनी ही इज्जत करते हैं। हम अपनी विविधता को उत्सव की तरह मनाते हैं। यह यहां का सौन्दर्य भी है और ऐश्वर्य भी है। आजकल इस पर कुठाराघात हो रहा है। हमारे देश में भेदभाव को जाति व्यवस्था के रूप में सदियों से माना जा रहा है। उसके कारण देश के बहुत बड़े वर्ग को बहुत दुःख पहुंचता है और तकलीफ पहुंचती है। मानसिक रूप से भी और शारीरिक रूप से भी । हम देश को कैसे महान बना सकते हैं अगर इन लोगों को ऐसी व्यवस्था...