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Showing posts from July 23, 2019

मुख्य सचिव द्वारा ब्यास घाटी के सात गांवों का निरीक्षण

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पिथौरागढ़ – जनपद पिथौरागढ़ के तहसील धारचूला के सीमान्त क्षेत्र ब्यास घाटी के भ्रमण पर पहुॅचे प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा ब्यास घाटी क्षेत्र के 07 गांव बूंदी, गर्ब्याग, नपल्चू, गुंजी, नाबी, रोंगकांग एवं कुटी में संचालित विभिन्न योजनाओं के अतिरिक्त बी0आर0ओ0 द्वारा सीमान्त क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य व पर्यटन के क्षेत्र में किये जा रहे विकास कार्यो का निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होने भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल गुंजी के सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों, सेना, अर्ध सैन्य बलों, बी0आर0ओ0 के अधिकारियों के साथ बैठक कर क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो की जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिये गये।  बैठक में जिलाधिकारी द्वारा ब्यास घाटी अन्तर्गत विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यो के बारे में मुख्य सचिव को अवगत कराया। लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने ग्राम सभा रोंगकांग में ग्रामीणों की सड़क सुविधा की मांग के अन्तर्गत अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग अस्कोट को निर्देश दिये कि वह शीघ्र ही रोंगकांग को सड़क सुविधा को जोड़े जाने हेतु कुटी नदी में मोटर पुल

आयुर्वेद टूटी-फूटी झोंपड़ियों में दम तोड़ ....

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हरिद्वार– भारतवर्ष में हमारे वैज्ञानिक ऋषियों, हमारे पूर्वजों की अमूल्य धरोहर व विश्व की सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद टूटी-फूटी झोंपड़ियों में दम तोड़ रही थी। आयुर्वेद को जो जनस्वीकार्यता मिलनी चाहिए थी, वह चंद लालची लोगों के षड्यंत्र व भ्रामक प्रचार के कारण नहीं मिल पा रही थी।ऐसे में आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में पतंजलि योगपीठ के प्रयासों से आयुर्वेद को मानो संजीवनी मिल गई। आयुर्वेद की पुनः स्वीकार्यता का कार्य पतंजलि के प्रयासों से ही सम्भव हो सका है। इसी कड़ी में एक नई पहल करते हुए पतंजलि अनुसंधान संस्थान में आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित एक नई अनुसंधान लैब का उद्घाटन गुरुदेव आचार्य प्रद्युम्न तथा आचार्य बालकृष्ण द्वारा किया गया।  इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि इस लैब के निर्माण का एकमात्र उद्देश्य आयुर्वेद को विश्व की सर्वोच्च औषध प्रणाली (Medicinal System) के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि पतंजलि के प्रयासों से देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व में आयुर्वेद की स्वीकार्यता बढ़ी है। लोग भारतीय ऋषियों के गहन अनुसंधान आधारित सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति की ओर लौट रहे ह