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Showing posts from February 17, 2018

ट्रेन की चपेट में आने से शिशु हाथी की मौत

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हरिद्वार: ट्रेन की चपेट में आने से शिशु हाथी की मौत हो गयी है। घटना सुबह पांच बजे हरिद्वार देहरादून रेल ट्रैक पर कांसरो के नजदीक हुई। पार्क अधिकारियों के मुताबिक सुबह के वक्त हाथियों का झुंड रेल ट्रैक पार कर रहा था। इस दौरान वहां से गुजर रही नंदा देवी एक्सप्रेस की चपेट में हाथी आ गया। हाथी की मौके पर ही मौत हो गयी। हालांकि रेल सेवा पर कोई असर नहीं पड़ा है। गाड़ी को मामूली रूप से कुछ देर के लिए रोका गया। अन्य ट्रेन भी सावधानी के साथ रवाना की गई। वह अधिकारी मौके पर पंहुचे हुए है। बताया जा रहा है कि हाथियों का झुंड भी ट्रैक के नजदीक मौजूद है।

प्रभावितो को फौरी राहत सहायता तत्काल --जिलाधिकारी

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उत्तरकाशी से बलवीर परमार की रिपोर्ट-- जिलाधिकारी डा0 आशिष चौहान ने आग के चपेट में आये सौणी गांव का स्थलीय निरीक्षण किया । उन्होंने प्रभावितों  की बाते सनी। प्रभावितो को फौरी राहत सहायता तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश नोडल अधिकारी अनुराग आर्य दिया । साथ ही उन्होंने प्रभावित ग्रामीणों को  पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना  एवं  राज्य आपदा प्रबंधन के मानक के  अनुसार आवास दिलाने का भरोसा दिया । उन्होंने प्रभावितो को तबतक स्कूल  एव अन्य आवास में शिफ्ट करने हेतु क्षेत्रीय पटवारी को निर्देश दिए । आग से  40 मकान  पूर्ण जल चुका है। जबकि 6 मकान को आंशिक क्षति हुई है ।   वही 26 बैल, 24 गाय,40 भेड़ बकरी तथा 5 खच्चर के जलने की सूचना है । जिला प्रशासन ने चार छोटे वाहन खाद्यान्न ग्रामीणों को भेज दी है जो जखोल से खच्चर के माध्यम से सौणी गांव तक पहुंचाया जा रहा है । जिलाधिकारी ने कहा कि रविवार को उक्त गांव में बहुउद्देशीय शिविर का आयोजन किया जाएगा ।वही जिलाधिकारी डा0 चौहान ने दूरभाष पर गांव की क्षति एव राहत कार्य की जानकारी शासन को दी।

गैरसैंण राजधानी के समर्थन में निकाला मशाल जुलूस

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देहरादून--  राज्य गठन के 17 साल बाद भी उत्तराखंड राज्य को अब तक स्थाई राजधानी नसीब नहीं हुई है , उत्तराखंड की स्थाई राजधानी गैरसैण को घोषित न किये जाने से आक्रोशित उत्तराखण्ड की जनता का गुस्सा अब सडकों पर मशाल बन कर धधकने लगा है।इसका एक नजारा 17 फरवरी की शाम को नेताओं व नौकरशाही की ऐशगाह बनी देहरादून में देखने को मिला। 9 फरवरी को संसद की चैखट पर उत्तराखण्डियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी से राजधानी गैरसैंण घोषित करने के लिए किये गये संसद कूच की गूंज से परेशान उत्तराखण्ड की  सरकार संभल भी नहीं पाई थी कि देहरादून में गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के बैनर तले संयुक्त तौर पर दर्जनों सामाजिक संगठनों ने गाँधी पार्क से शहीद स्मारक स्थल तक विशाल मशाल जुलूस निकाला। सैकडों मशाले हाथ में ले कर, जनगीतों व राजधानी गैरसैंण निर्माण के गगनभेदी नारे लगाते हुए जलसैलाब ने कूच किया तो लोगों के जेहन में राज्य गठन आंदोलन की यादें ताजा हो गयी। इस मशाल जुलूस में आंदोलनकारियों ने सरकार को दो टूक चेतावनी दी कि बजट सत्र में राजधानी गैरसैंण को घोषित करें नहीं तो जनता ऐसे निकम्मी सरकार को राजधानी गैरसैंण घोषित कर

पुस्तक ‘‘मावरिक्स ऑफ मसूरी’’ का विमोचन

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देहरादून--डॉ.एम.रामचंद्रन उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘मावरिक्स ऑफ मसूरी’’ पर मंथन सभागार में चर्चा की गई। इस चर्चा का अयोजन दून पुस्तकालय एवं रिसर्च सेंटर देहरादून द्वारा किया गया था। इस पुस्तक में सिविल सेवा के अनुभवों, विभिन्न स्तरों पर सरकार के कामकाज को दिखाया गया हैं। पुस्तक में लेखक के व्यक्तिगत अनुभव से जुड़ी छोटी छोटी घटना, सरकार में विभिन्न स्तरों पर उनकी विभिन्न स्थानों में पोस्टिंग आदि शामिल हैं।इस दौरान उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव आई.के.पांडे,  एन.रविशंकर,  सी.एस.नपलच्याल, पूर्व प्रमुख सचिव विभापुरी दास और दून पुस्तकालय एवं अनुसंधान केंद्र के निदेशक डाॅ.बी.के.जोशी उपस्थित थे। पुस्तक में उठाए गए विभिन्न मुद्दो के विश्लेषण और अंतर्दृष्टि पर विचार-विमर्श किया गया।डॉ.रामचंद्रन ने राज्य में अपने चुनौतीपूर्ण कार्यों को याद करते हुए कहा कि पहली बार वे उत्तरकाशी में कमिश्नर गढ़वाल, राज्य के अस्तित्व में आने के बाद शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट कमिश्नर एवं कार्यकाल के आखिर में राज्य के मुख्य सचिव के रूप में बुनियादी ढांचे की दृष्

देश की आजादी के बाद बिजली से रोशन होगा रतगांव

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देहरादून - केंद्र में कितनी सरकारें बनी वही  उत्तर प्रदेश में भी  रहा  उसके बाद उत्तराखंड अलग प्रदेश भी बना सात से आठ मुख्यमंत्री भी बने लेकिन किसी ने भी इस गांव की तरफ नहीं देखा ग्रामवासी बिजली की आस में रहे लेकिन इन 70 सालों से विद्युत की बाट जोहता एक गांव के कितने ही लोग काल के ग्रस्त हो गए हो बिजली के इंतजार में सत्तर साल गुजर गए अब जाकर लोगों को एक उम्मीद की आस जागी है चमोली   जिले के   विकासखंड थराली   के   अंतर्गत दूरस्थ क्षेत्र रतगांव देश की आजादी   के   सात दशक बाद बिजली से   रोशन होगा।   यह संभव हो पा रहा है   प्रदेश   के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह   रावत   के    आफिशियल  ‘ मोबाइल एप्प ’ पर दर्ज शिकायत से। मोबाइल एप्प पर दर्ज शिकायत का संज्ञान लेते   हुए   मुख्यमंत्री कार्यालय ने त्वरित कार्यवाही   करतेहुए   उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल)   के उच्चाधिकारियों को निर्देशित किया है। सीएम कार्यालय   को यूपीसीएल अधिकारियों ने बताया है कि     इस कार्य को करने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है निविदा खोलने के उपरांत   28   फरवरी तक विद्युतीकरण का कार्य आवंटित कर