गोबर के लट्ठे व गमले आदि भी बनाये जा सकते है

देहरादून-मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से सचिवालय में गौ-सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष  राजीव गुप्ता ने शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने गौ सेवा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में संचालित कार्यक्रमों एवं योजनाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न गौशालाओं में गोबर गैस को सी.एन.जी. में परिवर्तित कर सिलेंडर में भरने आदि का कार्य संचालित हो रहा है। उसकी तकनीक यदि उत्तराखण्ड को भी उपलब्ध हो जाए, तो इससे ऊर्जा की बचत के साथ ही गौशालाओं की आय के संसाधनों में भी वृद्धि हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में एक किसान द्वारा अपनी 250 गायों की गौशाला में दुग्ध उत्पादों के प्लांट के साथ
ही गोबर गैस का प्रोसेसिंग प्लांट भी लगाया गया है, जिससे उनके द्वारा 85 घरों को प्रतिदिन दो घंटा गैस उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को गौ सेवा से जोड़ने के लिये गौ-मूत्र, गोबर, दुग्ध उत्पादों की प्रोसेसिंग, आधुनिक तकनीक का उपयोग कर इसे आय का कारगर साधन बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में केवल श्रीकृष्ण गौशाला में ही लगभग 02 हजार गायें है, जबकि अन्य गौशालाओं में भी गाय पालन हो रहा है। इन गौशालाओं में ऐसे प्रयोग कारगर हो सकते है।  गुप्ता ने मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र को यह भी अवगत कराया कि गौ सेवा केन्द्रों के माध्यम से गोबर के लट्ठे व गमले आदि भी बनाये जा सकते है। जैविक कृषि के लिये गोबर की खाद का अपना महत्व है। उन्होंने मुख्यमंत्री को राज्य में गौ सेवा के क्षेत्र में सहयोग का भी आश्वासन दिया है। 

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